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आकाशीय बिजली की चपेट में आने से पति-पत्नी की मौत, मौसम विभाग ने दी चेतावनी…

CG Lightning Death: कवर्धा जिले में प्री मानसून के पहले हो रही अंधड़ और बारिश तबाही मचा रही है। पेड़, बिजली पोल गिरने की लगातार घटनाएं हो रही है।

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आकाशीय बिजली की चपेट में आने से पति-पत्नी की मौत, मौसम विभाग ने दी चेतावनी...

CG Lightning Death: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में प्री मानसून के पहले हो रही अंधड़ और बारिश तबाही मचा रही है। पेड़, बिजली पोल गिरने की लगातार घटनाएं हो रही है। वहीं आकाशीय बिजली की चपेट में दंपत्ति की मौत हो गई। कबीरधाम जिले में शहर से गांव तक बिजली व्यवस्था बेहद खराब हो चुकी है।

यह भी पढ़ें: CG Lightning Death: आकाशीय बिजली ने बरपाया कहर, पति-पत्नी समेत तीन लोगों की मौत

CG Lightning Death: आफत का मौसम

जिला मुख्यालय कवर्धा में सोमवार की दोपहर कोई क्षेत्रों में दोपहर 3 बजे बिजली बंद हो गई, जो शाम 5 बजे के बाद आयी। वहीं बीच-बीच कुछ कुछ मिनट के लिए और बंद होती ही रही। इस दौरान न तो तेज अंधड़ चली न ही बारिश हुई, जबकि धूप खिला था। अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि जब जिला मुख्यालय की यह हालात है कि गांव और वनांचल क्षेत्रों में लोग तो मानो बिजली के कभी-कभी ही दर्शन कर पाते होंगे।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते पिछले पखवाड़ेभर से मौसम का मिजाज बदल गया है। सुबह आसमान में धूप खिल रही और दोपहर 3 बजे के बाद मौसम बदल जा रहा है। तेज आंधी तूफ़ान चलने के साथ ही झमाझम बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। रविवार को देर शाम शहर व आसपास डेढ़ घंटे तक बारिश हुई। काफी देर तक आकाश में बिजली चमकते रही।

बिजली व्यवस्था बदहाल

इसी दौरान 18 मई की रात्रि करीब 8 बजे के आसपास लोहारा थाना अंतर्गत ग्राम सिंगारपुर में खेत में बारिश से बचाने प्याज को ढकने गए हेमलाल पटेल(32) और उनकी पत्नी चैती पटेल आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। आसपास के लोगों ने देखा तो दौड़ते हुए वहां पर पहुंचे। उन्हें उठाने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। इसी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस पंचनाम तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस घटना से ग्रामीण डरे सहमे हैं, क्योंकि खेती किसानी का मा चल रहा है और दूसरी और मौसम भी बिगड़ा हुआ है।

लगातार बदल रहा मौसम

मौसम में बदलाव जारी है। इसकी वजह से लोग उमस भरी गर्मी से हलाकान हुए। शाम लगभग सात बजे के बाद मौसम ने करवट ली और हल्की हवाएं चली। तब जाकर लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली।

मौसम विभाग की थी चेतावनी

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने चेतावनी दी थी कि 18 मई को 1-2 स्थानों पर अंधड़ चलने वज्रपात होने की संभावना है जो सही साबित हुई। उन्होंने यह भी बताया था कि एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश से उत्तर बांग्लादेश तक पूर्वी उत्तर, बिहार, उप हिमालयीन पश्चिम बंगाल होते हुए 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। ऐसे में हल्की वर्षा अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।

रविवार की शाम को अंधड, गरज-चमक के साथ बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि दक्षिण-पूर्व मानसून दक्षिण अरब सागर, मालदीप और कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान दीप के शेष हिस्से, अंडमान सागर और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ भाग में अगले 2 से 3 दिनों में सक्रिय होने की संभावना है।