
Monsoon 2024: कवर्धा में दो दिनों से अच्छी बारिश नहीं हुई तो उमस के चलते हाय तौबा मच गई। एसी व कूलर चलाना पड़ गया, लेकिन शनिवार की शाम को हल्की बारिश हुई, जिससे काफी राहत मिली।
वहीं रविवार की दोपहर में जमकर बादल गरजे और भी बारिश हुई। इसके बाद भी शाम को भी जमकर बारिश हुई। ठंडी हवाएं चलने लगी। इससे वातावरण में नमी आयी और मौसम खुशनुमा हो गया। वैसे इस बार की बारिश बहुत ही बेहतर मानी जा रही है। मैदानी क्षेत्रों में औसत जबकि वनांचल क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई। सावन लगते ही झड़ी भी शुरु हुई पूरे माह तक चला। इसके बाद कुछ कमी आयी। बारिश लगातार हुई, लेकिन अत्यधिक नहीं हुई, जिससे कि फसलों को नुकसान नहीं हुआ। धान और गन्ने की फसल को जितना पानी चाहिए उतना मिलता रहा। अधिक पानी होता तो गन्ने को नुकसान पहुंचता। दूसरी ओर सब्जी की फसल भी अधिक प्रभावित नहीं हुए।
वैसे इस वर्ष मानसून किसानों पर बेहद मेहरबान रहा। सावन के बाद तो बारिश लगभग थम ही जाती, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। लगातार बारिश से किसानों को बोरपंप या नहर के पानी की आवश्यकता नहीं पड़ी। स्थिति यह रही कि पानी निकालने के लिए खेतों के मेड़ तोड़ने पड़े। यह बारिश धान और गन्ने की फसल के लिए बेहतर साबित हुआ। हालांकि कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल कुछ खराब हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार कबीरधाम जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना जताई है। दिन में हल्की धूप के बाद शाम को मौसम बदलते वर्षा का दौर शुरू होने की उमीद है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में अगले 3 से 5 दिन मानसून सक्रिय रह सकता है। इस बीच वर्षा का मुख्य क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ के जिलों में अच्छी बारिश होगी। इसके बाद हवा का रुख बदलने के बाद वर्षा का क्षेत्र मध्य छत्तीसगढ़ यानी रायपुर और दुर्ग संभाग बन सकता है। इन दिनों बंगाल की खाड़ी में एक निन दाब का क्षेत्र तैयार हो रहा है जो उत्तर ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में फैलकर मानसून को बल देगा, जिससे बारिश होने की संभावना बन रही है।
जिले में इस वर्ष 1 जून से 8 सितंबर 2024 तक 763.9 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। सबसे अधिक बारिश रेंगाखार कला तहसील अंतर्गत वनांचल क्षेत्र में हुई। वहां पर 963 मिमी औसत बारिश दर्ज किया गया। वहीं कवर्धा तहसील में 929.8, पिपरिया में 936.4, कुकदुर में 855.9, बोड़ला में 766.1, सहसपुर लोहारा में 700.2, पंडरिया में 546.6 और कुण्डा तहसील अंतर्गत 413.6 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज किया गया।
वहीं इस वर्ष बीते मानसून से अधिक बारिश हो चुकी है। बीते वर्ष रेेंगाखार तहसील अंतर्गत 1129 मिमी, कवर्धा तहसील में 613.8, पिपरिया में 751.5, बोड़ला में 463, सहसपुर लोहारा में 553.8, पंडरिया में 445.7 और कुण्डा तहसील अंतर्गत 549.9 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज किया गया था।
बारिश से तापमान में उतार चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को कवर्धा का अधिकतम तापमान 33 व न्यूनतम तापमान 25 रहा। जबकि रविवार को अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। वहीं आने वाले एक-दो दिनों में बारिश होने के कारण तापमान में दो डिग्री तक गिरावट हो सकती है।
Published on:
09 Sept 2024 01:09 pm
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