
झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर(photo-patrika)
CG News: छत्तीयसगढ़ जिले कवर्धा दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से जिले के कई नदी नाले उफान पर है। वहीं कई नदियों में बाढ़ की स्थिति है। रपटा व पुलिया से ऊपर पानी बह रहा है जिसके कारण कई गांवाें तक आवागमन बंद हो चुका है। पहाड़ी क्षेत्रों में जमकर बारिश हो रही है। इसके चलते सकरी नदी का जलस्तर बढ़ चुका है।
भोरमदेव क्षेत्र के ग्राम छपरी में सकरी नदी पर पुलिया है उससे एक फीट ऊपर पानी बह रहा है। बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर इसे पार कर रहे हैं। कोई पैदल तो कोई बाइक से इस उफनती नदी को पार कर रहे हैं। यह बड़ी लापरवाही है क्योंकि एकाएक कभी भी हादसा हो सकता है। जल स्तर अचानक बढ़ा तो पुलिया पार कर रहे लोग बह सकते हैं। पिछले दिनों ऐसे ही एक हादसे में एक व्यक्ति की जान गई। इसके बाद भी लोग लापरवाह बने हुए हैं।
पंडरिया विकासखंड के वनांचल क्षेत्र तहसील कुकदुर में दो दिनों में जमकर कर बारिश हुई है। 24-25 जुलाई की दरम्यानी दिन-रात में 66.3 मिलीमीटर औसत बारिश दर्ज किया गया। अन्य तहसील अंतर्गत इनती बारिश नहीं हुई। वहीं एक दिन पूर्व वहां पर 33.5 मिमी बारिश हुई थी। दो दिनों की लगातार बारिश का ही नतीजा है आगर नदी, हाफ नदी, कन्हैया नदी सहित कई नदी और नाले उफान पर है।
दूसरी ओर हाफ नदी का जलस्तर बढ़ने से खैरझिटी गांव के निचले बस्ती की ओर पानी चढ़ गया। इस नदी पर बाढ़ आने की स्थिति में कई गांव टापू बन जाते हैं। फिलहाल अभी तक ऐसी स्थिति नहीं बनी है। लेकिन लगातार बारिश होती रही तो हाफ नदी कभी भी भयावह रुप ले सकती है।
इसी तरह से पंडरिया ब्लॉक के वनांचल में भी आगर नदी का जलस्तर बेहद बढ़ चुका है। ग्राम ढोलढोली पर बने रपटा से ऊपर पानी बह रहा है बावजूद लोग बेपरवाह बनकर इससे आवागमन कर रहे हैं। इस नदी पर बाढ़ की स्थिति में कई गांव तक आवागमन ही ठप हो चुका है।
वनांचल के ग्राम पुटपुटा, सेंदूरखार, ढोलढोली, छींदीडीह, पिपरटोला, देवानपटपर तक आवागमन प्रभावित हो चुका है। ऐसे में ग्रामीणों को करीब 10 से 15 किमी तक दूसरी ओर से घूमकर कई गांवों को पार कर अपने गांव पहुंच रहे हैं।
पंडरिया ब्लॉक के वनांचल ग्राम बांगर से कन्हैया नदी का उद्गम है। यह नदी वनांचल से लगे गांवों से होकर गुजरी है। इसके चलते ही इस क्षेत्र के हर गांव तक पहुंचने के लिए इस नदी का पार करनी पड़ती है। तीन से चार गांव ऐसे हैं जहां तक पहुंचने के लिए कन्हैया नदी का छह बार पार करनी पड़ती है।
लगातार बारिश से इस नदी पर बाढ़ की स्थिति है, जिसके कारण इससे जुड़े गांवों का संपर्क टूट चुका है। आवागमन पूरी तरह से ठप है। चूंकि बड़े पुल नहीं है केवल रपटटा है। जब नदी का जलस्तर कम होगा तब कहीं ग्रामीण पार कर सकेंगे।
Updated on:
26 Jul 2025 04:41 pm
Published on:
26 Jul 2025 04:30 pm
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