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बारिश ने धोया, किसान रोया… बर्बाद हुई धान की फसल, प्रशासन से आपदा राहत व मुआवजा की मांग

Kawardha News: ग्रामीण अंचल में किसानों की सालभर की मेहनत लगातार बारिश और कीट प्रकोप से तबाह हो गई है। पककर तैयार खड़ी धान की फसलें बारिश और तेज हवा के चलते पूरी तरह गिर चुकी हैं।

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धान की फसल

धान की फसल

CG News: ग्रामीण अंचल में किसानों की सालभर की मेहनत लगातार बारिश और कीट प्रकोप से तबाह हो गई है। पककर तैयार खड़ी धान की फसलें बारिश और तेज हवा के चलते पूरी तरह गिर चुकी हैं। कई जगहों पर बालियों में दाना नहीं निकलने से किसान हैरान और हताश हैं।

किसानों का धान पूरी तरह बर्बाद हो गया है। बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल अब सड़ चुकी है और किसानों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है। ग्रामीणों का कहना है कि फसलों की हालत देखकर कई किसान भावुक होकर रो पड़े। उन्होंने बताया कि इस बार धान की बुवाई अच्छी हुई थी और प्रारंभिक बारिश से फसलें लहलहा उठी थीं लेकिन मौसम के अचानक बिगड़ने और बीमारियों के फैलने से सारी मेहनत चौपट हो गई।

किसानों ने बताया कि फसलों पर कीट और फफूंद जनित बीमारियों का प्रकोप पहले ही शुरू हो गया था। लाखों रुपए खर्च कर दवाओं का छिड़काव किया गया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसी बीच लगातार बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए। खेतों में पानी भर जाने और तेज हवा से धान की बालियां जमीन पर गिरकर सड़ने लगी हैं।

फसल समेटना भी मुश्किल

बारिश थमने का नाम नहीं ले रही, जिससे खेतों में जाना भी कठिन हो गया है। गिरी हुई फसलें समेटने में परेशानी हो रही है। किसानों ने बताया कि इस बार की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। किसानों ने कहा कि वे पहले ही खाद, बीज और दवाइयों में भारी खर्च कर चुके हैं। फसल की बर्बादी से न केवल आर्थिक संकट गहराया है, बल्कि कई किसानों के सामने साहूकारों का भुगतान करने की भी समस्या खड़ी हो गई है।

किसानों की मांग

गांव के किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि अधिकारी मौके पर पहुंचकर फसलों की वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करें और नुकसान का सर्वे कराएं। किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें आपदा राहत व मुआवजा दिया जाए, ताकि वे फिर से खेती शुरू करने की स्थिति में आ सकें।