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खरगोन में 4 घंटे की ढील मिली तो बिना बैंड-बाजे और घोड़ी पैदल बारात लेकर दुल्हनिया लेने पहुंचा दूल्हा

शादी खास इसलिए रही क्योंकि, दुल्हा अपनी दुल्हनिया लेने कर्फ्यू में मिली 4 घंटे की ढील के दौरान पहुंच गया।

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खरगोन में 4 घंटे की ढील मिली तो बिना बैंड-बाजे और घोड़ी पैदल बारात लेकर दुल्हनिया लेने पहुंचा दूल्हा

खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन में कर्फ्यू के बीच रविवार को हुई एक शादी काफी चर्चा में रही। शादी खास इसलिए रही क्योंकि, दुल्हा अपनी दुल्हनिया लेने कर्फ्यू में मिली 4 घंटे की ढील के दौरान पहुंच गया। इस दौरान न तो दुल्हा के आगे पीछे कोई बैंड-बाजा था और न ही दूल्हा घोड़ी पर सवार था। बस थे तो दूल्हा-दुल्हन और चंद परिजन। शहर के दंगा प्रभावित एरिया तालाब चौक में रहने वाले अमन कर्मा और कसरावद (खरगोन जिला मुख्यालय से कसरावद तहसील 35 किलोमीटर दूर है) की श्वेता की शादी रविवार को हुई।

परिजन के अनुसार, 4 महीने से शादी की तैयारियां चल रही थीं। हर मां-बाप की ख्वाहिश होती है कि, उसकी बेटी या बेटे की शादी धूमधाम से हो। लेकिन, शादी के कुछ दिन पहले ही शहर में लगे कर्फ्यू के कारण शादी का मजा किरकिरा हो गया। हालांकि, खुशी इस बात की है कि, तय समय पर शादी हो गई। दूल्हे अमन ने बताया कि आज प्रशासन की तरफ से सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। इसी अवधि में अपनी दुल्हनिया को लेने जा रहा हूं। हालांकि, शादी में कई दोस्त और रिश्तेदार शामिल नहीं हो सके, ये अफसोस रहेगा।

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बारात पैदल ही तय किया शहर से बाहर निकलने तक का सफर

बारात पैदल ही शहर के बाहर गई और फिर वहां से कसरावद के लिए शादी में शामिल होने वाले बाराती गाड़ियों में सवार होकर निकले। दूल्हे के साथ बहन पायल, मां सीमा, पिता आलोक और कुछ रिश्तेदार ही साथ में हैं। दुल्हन की बहन पायल का कहना है कि, अच्छा तो बिल्कुल नहीं लग रहा। हम लोगों ने शादी की कई सरी तैयारियां कर रखी थी, लेकिन मौजूदा हालातों के कारण सब पर पानी फिर गया। शादी की सारी रस्में आस-पास के 1-2 लोगों के साथ पूरी की गईं। रिसेप्शन भी कर्फ्यू के कारण कैंसिल करना पड़ा है।

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रामनवमी के जुलूस में पथराव के बाद धधक उठा था खरगोन

खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव हुआ था। इसके बाद शहर दंगे की आग में धधक उठा था। खरगोन शहर में 10 अप्रैल को कर्फ्यू लगाया गया था। 14 अप्रैल को पहली बार सिर्फ महिलाओं को सुबह 10 से दोपहर 12 और दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक बिना वाहन के छूट दी गई थी। इसके अगले दिन 15 अप्रैल को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक महिला और पुरुष दोनों को बिना वाहन के घरों से निकलने की छूट मिली थी। शनिवार को तीसरे दिन 2-2 घंटे की फिर छूट रही। रविवार को खरगोन में लगे कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील दी गई।

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