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बैंकॉक की चमक-दमक छोड़ एमपी आई फैशन डिजाइनर हूरा, बोलीं- ‘जो सुख कहीं नहीं, वो यहां मिला’

MP News: थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक की हरदेवी उर्फ हूरा (50) इन दिनों एमपी में, बैंकॉक में चलाती हैं गीता आश्रम, भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा से हैं बेहद प्रभावित...

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MP News Patrika: नर्मदा परिक्रमा करने थाइलैंड से एमपी आई है बैंकॉक की फैशन डिजाइनर हूरा। ओंकारेश्वर से शुरू की यात्रा (दाएं)। (फोटो: पत्रिका)

MP news: भारतीय संस्कृति व धर्म-अध्यात्म विदेशियों के लिए हमेशा आकर्षण का केंद्र रहा है। ऐसे ही थाईलैंड की एक फैशन डिजाइनर हूरा तनवानी सबकुछ छोड़कर मां नर्मदा परिक्रमा यात्रा कर रही हैं। हूरा का कहना है, असली सुख सादगी में ही है। यह सनातन से ही संभव है।

ओंकारेश्वर से शुरू की है आध्यात्मिक यात्रा

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक की हरदेवी उर्फ हूरा तनवानी (50) (Fashion Designer Hoora tanwani) ने शनिवार को ओंकारेश्वर से आध्यात्मिक यात्रा शुरू की है। रविवार दोपहर में वह नावडाटोड़ी पहुंचीं। हूरा ने बताया, वे भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा से खासी प्रभावित हैं। इसलिए विदेशी चमक- दमक छोड़कर नर्मदा परिक्रमा पर निकली हैं। हूरा के मुताबिक, नर्मदा परिक्रमा ने सिखाया, हमें जीने के लिए कम सुविधाएं चाहिए। लोगों की सरलता व भक्ति देखकर भावविभोर हूं। विदेश के भौतिक संसाधनों में जो सुख नहीं मिला, वह यहां आकर मिला।

रविवार को नर्मदा तट स्थित शालिवाहन शिव मंदिर परिसर में उनकी अगवानी की गई। शिक्षक संजय शर्मा ने अपने निवास पर स्वागत किया।

1947 में छोड़ा था देश

हूरा ने बताया, उनका परिवार 1947 के विभाजन के बाद थाईलैंड में बस गया था। देश छोड़ने के बाद भी भारतीय संस्कृति से जुड़े रहे। बैंकॉक में भी दीपावली, होली, नवरात्र, जन्माष्टमी जैसे पर्व पूरे उत्साह से मनाए जाते हैं।

बैंकॉक में चलाती हैं गीता आश्रम

हूरा बैंकॉक (Fashion Designer Hoora tanwani) में गीता आश्रम संचालित करती हैं, जहां बच्चों को भागवत गीता, उपनिषद और वैदिक ग्रंथों की शिक्षा देती हैं। वे 10 वर्ष की आयु से अमरकंटक में गुरुजी के आश्रम आ रही हैं। इस बार बैंकॉक से भारत आईं तो नर्मदा परिक्रमा का संदेश मिला। इसलिए अकेले ही निकल पड़ीं। रास्ते में महाराष्ट्र के पुणे की दंत चिकित्सक डॉ. मानसी जाधव से संपर्क हुआ।