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12 वर्षों से ये परिवार निभा रहा जोगी बिठाई रस्म, 25 KM की पैदल यात्रा कर पहुंचे बड़ेडोंगर फिर… जानिए इसकी परंपरा

Kondagaon Bade Donger: रियासतकाल से बड़ेडोंगर में भी चली आ रह है जोगी बिठाई की रस्म, 25 किलोमीटर पैदल चलकर ये परिवार पहुंचता है बड़ेडोंगर, 12 वर्षों से निभा रहा ये परंपरा।

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Kondagaon Bade Donger

Kondagaon Bade Donger: बड़ेडोंगर में रियासत काल से चली आ रही परंपरा जी आज भी जिले के बड़ेडोंगर में भक्तों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है, जिस तरह से जगदलपुर के हिरासत भवन में नवरात्र के प्रथम दिन जोगी बिठाई की रस्म राज परिवार की मौजूदगी में होती है।

ठीक उसी तरह बड़ेडोंगर में पहाड़ी पर विराजित माता दंतेश्वरी की आस्था में कन्हारगांव का कश्यप परिवार 1414 से लगातार माता की आराधना में जोगी के रूप में निराहार ध्यानमग्न होता आ रहा है।

Kondagaon Bade Donger: जोगी बिठाई की रस्म

पिछले 12 वर्षों से जोगी के रूप में बैठ रहे मंसाराम कश्यप पिता फगुनुरम कश्यप 48 ने बताया कि, वे नवरात्र के शुरू दिन ही 25 किलोमीटर दूरी पैदल तय करते हुए अपने परिवार के साथ अपना राशन-आदि लेकर बड़ेडोंगर पहुंचते हैं और यहाँ समिति के द्वारा जोगी बिठाई की रस्म होती है।

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वे कहते हैं कि, यह परंपरा उनके पूर्वजों से चली आ रही है इसलिए वे भी इस परंपरा को बनाये हुए हैं उनकी आस्था माता पर है, उन्होंने बताया कि, जोगी बैठने के पीछे का मकसद देश की खुशहाली के लिए हैं।

शासन-प्रशासन से कोई सहायता भी नहीं मिलती

Kondagaon Bade Donger: इसके बदले में उन्हें शासन-प्रशासन से कोई सहायता भी नहीं मिलती और न ही वे किसी तरह की उम्मीद करते हैं। 9 दिन निर्जला उपवास रहकर माता की आराधना में पहाड़ी की तराई पर बने डेरा पर लगे रहते है। वही जोगी उठाई के दौरान मंदिर समिति के द्वारा उनका सम्मान कर उपहार दिया जाता है।