
पिता पहले ही छोड़ चुके हैं साथ, मां के कैंसर के इलाज के लिए गरीबी से लड़ाई लड़ रहा है कैलाश
कोरबा. प्रकृति ने 15 साल के कैलाश के साथ क्रूर मजाक किया है। इस कच्ची उम्र में ही उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बचपन में उसके सर से पिता का साया उठ गया और अब मां को कैंसर जैसी गंभीर बिमारी हो गयी है। उनके इलाज के लिए वह संघर्ष कर रहा है।
मां की बिमारी के इलाज के कारण उसकी पढ़ाई लिखाई भी छूट गयी है। वह 9वीं की पढाई कर रहा था। बीमार मां के इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं है। ऐसे में उसे पैसों के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। मदद मांगने वह कलेक्ट्रेट ऑफिस में पंहुचा और मदद की गुहार लगाईं।
कैलाश के परिवार में केवल दो ही सदस्य हैं, एक कैलाश स्वयं और उसकी कैंसर पीड़ित मां सुकवाराबाई (40 वर्ष ) । कैलाश अपने जीजा श्यामलाल पटेल के साथ फरियादी आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा था । उसे सिविल सर्जन से जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है, जिसमें प्रमाणित है कि उसकी मां कैंसर से पीड़ित हैं।
कैंसर पीड़ितों के लिए पहले से हैं योजनाएं
कैंसर पीड़ितों की आर्थिक मदद करने के लिए सरकार ने संजीवनी योजना बनाई है। जिसके तहत कैंसर पीड़ित मरीजों को डेढ़ लाख तक की सहायता मिलने का प्रावधान है। लेकिन इस योजना का ज्ञान ना होना और लाभ लेने के लिए बनी जटिल प्रक्रिया के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।
Published on:
18 Oct 2019 07:25 pm
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