
CG Electricity Bill: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में बढ़ते बकाया को लेकर बिजली वितरण कंपनी के आला अफसर भी नाराज हैं। उन्होंने जिला स्तर के अधिकारियों को वसूली की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा है। इसके लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना और पैसे जमा करने के लिए कहा है ताकि बकाया वसूल कर बैलेंस शीट को सुधारा जा सके।
कोरबा जिले में आबादी जैसे-जैसे बढ़ रही है उपभोक्ताओं की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। मकान और दुकान बन रहे हैं। व्यापार के लिए छोटी-छोटी इकाईयां लग रही हैं। इससे बिजली की मांग बढ़ गई है। आपूर्ति को बनाए रखने के लिए वितरण कंपनी को रोजाना लगभग 180 से 200 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही है। लोग बिजली का उपयोग तो कर रहे हैं लेकिन वितरण कंपनी को बिल जमा करने में रूचि नहीं ले रहे हैं।
इससे उपभोक्ताओं पर बकाया राशि बढ़ती जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने में चार माह का समय शेष है और इस स्थिति में कंपनी के अधिकारियों पर बकाया राशि की वसूली का दबाव अधिक है। बिल की वसूली के लिए कंपनी उपभोक्ताओं पर दबाव बना रही है। बड़े बकायादारों के बिजली कनेक्शन को काटने की चेतावनी दी जा रही है। कई लोगों का कनेक्शन भी काटा जा रहा है।
बावजूद इसके कंपनी के बैलेंस शीट पर बहुत ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। इसका बड़ा कारण बड़े बकायादारों का बिल जमा करने में रूचि नहीं लेना है। कोरबा में बिजली के बड़े उपभोक्ताओं में नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड और जिला प्रशासन के अधीन कार्य करने वाले दफ्तर हैं। इन संस्थाओं पर बकाया राशि आम उपभोक्ताओं की तुलना में बहुत ज्यादा है लेकिन वितरण कंपनी के अफसर इनसे राशि की वसूली नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए पत्राचार कर रहे हैं।
बिजली वितरा कंपनी का जिन संस्थानों पर सबसे ज्यादा बकाया है उसमें पंचायतें प्रमुख हैं। अलग-अलग पंचायतों पर बिजली बिल का 33 करोड़ 29 लाख रुपए से ज्यादा बकाया है। बड़े बकायादारों में नगर पालिक निगम कोरबा भी शामिल है। निगम पर लगभग 3 करोड़ 84 लाख रुपए बिजली बिल की देनदारी बची है। इसके अलावा वितरण कंपनी को हाउसिंग बोर्ड से 3 करोड़ 80 लाख रुपए से ज्यादा की राशि लेनी है।
महिला एवं बाल विकास विभाग भी बड़े बकायादारों में शामिल है। विभाग पर एक करोड़ 82 लाख 71 हजार रुपए का बिजली बिल है। यही नहीं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को भी बिल का लगभग 44 लाख रुपए चुकाना है। शिक्षा विभाग ने 9 करोड़ 76 लाख रुपए का बिजली बिल जमा नहीं किया है। बड़े बकायादारों में वन विभाग और राजस्व विभाग भी शामिल है। इन सभी से वितरण कंपनी को बिजली बिल की वसूली करनी है। मगर इसकी वसूली कैसे होगी यह बड़ी चुनौती है।
प्रदेश सरकार ने बिजली बिल को लेकर उपभोक्ताओं को अपनी योजना के माध्यम से राहत दी है। प्रदेश में बिजली बिल हाफ योजना लागू है। इसके तहत निर्धारित समय में बिल चुकता करने वालों को सरकार हाफ बिजली बिल का लाभ देते है मगर इस योजना के बाद भी कई उपभोक्ताओं ने अपनी बकाया राशि जमा करने में रूचि नहीं दिया है। इससे कंपनी परेशान है।
बिजली की जरूरतें लगातार बढ़ रही है। मांग बढ़ने से खपत में तेजी आ रही है लेकिन जिस रफ्तार से लोग बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं उस रफ्तार से बिजली बिल को जमा नहीं कर रहे हैं। इससे वितरण कंपनी का बैलेंस शीट गड़बड़ाने लगा है। धीरे-धीरे उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का बकाया लगभग 286 करोड़ रुपए पहुंच गया है। समय के साथ और वृद्धि हो रही है। इससे कंपनी परेशान है। अधिकारियों पर वसूली का दबाव है।
बिजली विभाग के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बकाया बिल की राशि की वसूली के लिए अलग-अलग जोन में टीम का गठन किया गया है। टीम को बड़े बकायादारों की सूची दी गई है। उन्हें बिल वसूलने के लिए कहा गया है। टीम को यह निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़े तो उपभोक्ताओं की लाइन को काटा जा सकता है। वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से कहा है कि वे समय पर अपने बिल का भुगतान करें और होने वाली परेशानी से बचें।
Updated on:
29 Nov 2024 12:44 pm
Published on:
29 Nov 2024 12:42 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
