
CG Rape News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी ठहराए जाने पर कोरबा की एक कोर्ट ने 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोषी युवक पर अलग-अलग धाराओं में अर्थदंड भी लगाया गया है। इसे नहीं चुकाने पर दोषी को अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
विशेष लोक अभियोजक अरूण कुमार ध्रुव ने बताया कि 17 फरवरी 2020 को मोनू प्रजापति नाम के युवक ने नाबालिग लड़की को अगवा कर लिया था। विवाह का झांसा देकर उसे पंजाब के पठानकोट ले गया था। उसके साथ संबंध बनाया था। लड़की की मां ने बेटी के अगवा होने की शिकायत कोतवाली थाना में दर्ज कराई थी। पुलिस केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी।
पुलिस ने छानबीन कर मोनू प्रजापति को पकड़ लिया। उसके कब्जे से नाबालिग लड़की को सकुशल बरामद किया गया था। जांच एजेंसी की ओर से नाबालिग लड़की का बयान दर्ज किया गया था उसकी चिकित्सकीय जांच जिला अस्पताल में कराई गई थी। इसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। इसके आधार पर पुलिस ने मोनू प्रजापति को अगवा के साथ-साथ दुष्कर्म का आरोपी बनाया था। मामले की सुनवाई कोरबा के विशेष कोर्ट में चल रही थी।
न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी की अदालत में मामले की लंबी सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी को दोषी साबित करने के लिए कई दस्तावेज और गवाहों को पेश किया गया। सबूतों का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने मोनू प्रजापति को 13 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का दोषी ठहराया। कोर्ट ने माना कि लड़की को अगवा करने से पहले युवक ने उसे प्रलोभन दिया था।
कोर्ट ने लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 और दुष्कर्म की धारा 376(3) के तहत मोनू प्रजापति को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए पांच हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। इसके अलावा मोनू को अपहरण की धारा में भी सात साल की कारावास और तीन हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषी को हिरासत में लेकर सजा काटने के लिए जेल भेज दिया है।
Updated on:
13 Sept 2024 02:55 pm
Published on:
13 Sept 2024 02:54 pm
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