
15 हजार कर्मचारियों पर सरकार की सख्ती! हड़ताल पर एस्मा, धान खरीदी रोकने पर नौकरी खतरे में...(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में धान उठाकर मिलर्स चावल को जमा करने में रूचि नहीं ले रहे हैं। अलग-अलग मिलर्स पर 2009 मिट्रिक टन चावल बकाया है। कई बार चेतावनी के बावजूद मिलर्स की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लिया गया है। अब जिला प्रशासन ने मिलर्स को नोटिस जारी कर कारण बताने के लिए कहा है।
CG News: जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कस्टम मिलिंग के लिए 104 मिलरों के साथ अनुबंध किया गया था। चावल जमा करने के लिए मिलर्स ने एक लाख 97 हजार 796.16 मिट्रिक ट
न धान प्रदान किया गया था। मिलर्स ने इस धान को अलग-अलग खरीदी केंद्रों से उठाया था। इसके अनुपात में अभी तक मिलर्स की ओर से 1 लाख 33 हजार 758.38 मिट्रिक टन चावल नागरिक आपूर्ति विभाग के गोदाम में जमा किया जाना है।
विभाग की ओर से बताया गया है कि अभी मिलर्स की ओर से 1 लाख 31 हजार 749.25 मिट्रिक टन चावल जमा किया गया है। 2009.19 मिट्रिक टन चावल मिलर्स से लिया जाना शेष है। खाद्य विभाग की ओर से कहा गया है कि 104 में से 25 मिलर्स ऐसे हैं जिन्होंने अपने हिस्से का पूरा चावल जमा नहीं किया है। इसमें कोरबा क्षेत्र के 12 और कटघोरा क्षेत्र के 13 राइस मिलर्स शामिल हैं।
बकाया चावल को जमा करने के लिए खाद्य विभाग की ओर से कई बार मिलर्स को कोई बार निर्देश दिया गया लेकिन मिलर्स ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तब जिला प्रशासन की ओर से 25 नवंबर को 25 राइस मिलरों को नोटिस जारी किया गया। उनसे पूछा गया है कि अभी तक चावल क्यों नहीं जमा किया गया। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर मिलर्स ने अपने हिस्से की 100 फीसदी चावल जमा नहीं की तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इधर धान की कटाई के कार्यों में भी तेजी आई है। किसान तेजी से खेतों में लगी धान की फसल को काट रहे हैं। इसके लिए हार्वेस्टिंग मशीन की भी मदद ले रहे हैं। हालांकि इस मशीन का इस्तेमाल उन खेतों में ज्यादा किया जा रहा है जिनका आकार बड़ा है और जमीन समतल है। हार्वेस्टिंग से करतला के विकासखंड में फसल की कटाई का काम अधिक किया जा रहा है जबकि अधिकतर क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से कटाई की जा रही है।
मिलर्स ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में उठाए गए धान के बदले शत् प्रतिशत चावल नागरिक आपूर्ति विभाग के गोदाम में जमा नहीं किया है। प्रशासन नोटिस देकर कानूनी कार्रवाई की बात कह रहा है। इस बीच 2024-25 के लिए धान की खरीदी शुरू हो गई है। हालांकि खरीदी केंद्रों में धान की आवक अभी कम है लेकिन धीरे-धीरे आवक बढ़ रही है। लेकिन अभी तक जिले के किसी भी राइस मिलर्स ने कस्टम मिलिंग के लिए प्रशासन के साथ अनुबंध नहीं किया है। इसके पीछे बड़ा कारण कस्टम मिलिंग के दर को लेकर है।
मिलर्स का कहना है कि जो कीमत वर्तमान में सरकार की ओर से प्रति क्विंटल मिलिंग के लिए दी जा रही है वह कम है और इस दर पर मिलिंग किया जाना मुश्किल है। इस कारण मिलर्स अनुबंध के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। इधर सोसाइटियों को चिंता है कि जल्द ही प्रशासन की ओर से अनुबंध नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में उनके लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। सोसाइटियों में जब धान की आवक बढ़ेगी तब बोरियों को रखने में खरीदी केंद्रों पर दिक्कतें होंगी।
Published on:
26 Nov 2024 02:17 pm
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