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Dhan Kharidi: कहीं ऐप तो कहीं खरीदी बनी मुसीबत, किसान काट रहे समितियों के चक्कर

Dhan Kharidi: दुर्ग जिले में समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए किसानों को समितियों के चक्कर से बचाने टोकन तुहर हाथ मोबाइल ऐप की सुविधा दी गई है, लेकिन खरीदी की लिमिट के कारण इस ऐप से टोकन किसानों के हाथों तक नहीं पहुंच रहा है।

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CG Dhan Kharidi

Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के लिए किसानों को समितियों के चक्कर से बचाने टोकन तुहर हाथ मोबाइल ऐप की सुविधा दी गई है, लेकिन खरीदी की लिमिट के कारण इस ऐप से टोकन किसानों के हाथों तक नहीं पहुंच रहा है। बताया जा रहा है कि शत-प्रतिशत टोकन मोबाइल ऐप से जारी किए जा रहे हैं।

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Dhan Kharidi: धान खरीदी उत्सव...

Dhan Kharidi: इसके अलावा देरी से धान की खरीदी शुरू करने के कारण टोकन के लिए होड़ मच रही है। इससे खरीदी केंद्रों की लिमिट जल्दी खत्म हो जा रहा है और बचे हुए किसानों को टोकन नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा किसानों को धान की कटाई-मिंजाई छोड़कर समितियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जिले के धान खरीदी केंद्रों की पड़ताल में किसानों ने पत्रिका की यह जानकारी दी। सेलूद क्षेत्र के जनपद सदस्य खिलेश मारकंडेय ने बताया ऑनलाइन टोकन सुविधा सर्वर डाउन होने मुसीबत बन गया है।

मनेंद्रगढ नायब तहसीलदार श्रुति धुर्वे के कहा की मनेद्रगढ़ तहसील का उत्पादन क्षमता 15 क्विंटल प्रति एकड़ ही है। इसलिए 15 क्विंटल से अधिक 21 क्विंटल धान नहीं खरीद सकते हैं। अगर टोकन में 21 क्विंटल धान की मात्रा दर्ज है तो वह गलत है।

इन किसानों का धान लौटाया

बरबसपुर में उर्मिला बाई का 34.40 क्विंटल धान का टोकन में 24.80 क्विंटल, किसान ननका राम का 74 क्विंटल का टोकन में 53 क्विंटल, सीताराम साहू का 43.60 क्विंटल टोकन में 31.20 क्विंटल, राधे श्याम साहू का 57.60 क्विंटल टोकन में 41.60 क्विंटल, मोती सिंह का 18 क्विंटल टोकन में 12.80 क्विंटल, फूल बसिया का 15.20 क्विंटल टोकन में 11.20 क्विंटल धान ही खरीदा गया।

इस मामले में एमसीबी कलेक्टर राहुल डी. वेंकट से प्रतिक्रिया लेने मोबाइल पर बार-बार कॉल किया गया, लेकिन स्विच ऑफ होने से सम्पर्क नहीं हो सका। जिला सहकारी बैंक के सीईओ श्रीकांत चंद्राकर ने कहा की टोकन को लेकर ऐसी कोई शिकायत तो फिलहाल नहीं है। तय नियम के अनुसार टोकन जारी किए जा रहे हैं। इसी के अनुरूप धान की खरीदी की जा रही है।

एक सप्ताह बाद के टोकन से भी मुसीबत

सेलूद खरीदी केंद्र में किसान मनहरण व योगेश ने बताया कि खरीदी केंद्रों में क्षमता के अनुरूप आवक नहीं होने पर तत्काल टोकन जैसी सुविधा नहीं है। इससे केंद्रों में धान की खरीदी क्षमता के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि डिमांड पर टोकन एक सप्ताह बाद का दिया जा रहा है। इससे टोकन कम होने के कारण गिनती के ही किसान धान बेच पा रहे हैं। जो टोकन ले रहे हैं, उन्हें सप्ताहभर इंतजार करना पड़ेगा।