
किराए पर देकर लाभ कमा रही अर्बन सोसाइटी (Photo source- Patrika)
CG News: कोयला खदान से प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित लोग एक तरफ जहां बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खनिज न्याय मद से प्रशासन बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाकर इस्तेमाल नहीं कर सक रहा है। बिल्डिंग जर्जर हो रही है। कुछ बिल्डिंगाें को प्रशासन ने अर्बन पब्लिक सोसाइटी के जरिए भाड़े पर देना शुरू कर दिया है।
कोरबा जिले में खनिज न्यास मद से ढेरों निर्माण कार्य कराए गए हैं, जिसका उपयोग जनहित में नहीं हो रहा है। समय के साथ भवन जर्जर हो रहे हैं। इन्हीं में से एक है रजगामार रोड पर स्थित स्वामी विवेकानंद शैक्षणिक संस्थान। इस संस्थान के लिए जिला खनिज न्यास मद से 2018–19 में कार्य स्वीकृत किया गया। नगर निगम को निर्माण एजेंसी बनाया गया। इस कार्य पर छह करोड़ 21 लाख 90 हजार से अधिक रुपए खर्च किया गया है। संस्थान के लिए भवन निर्माण कार्य 20 अप्रैल, 2023 को पूरा हो गया।
तब से अभी तक करीब ढाई साल से ज्यादा का समय गुजर गया, लेकिन भवन का इस्तेमाल नहीं हुआ। खनिज न्यास मद से भारी भरकम राशि खर्च कर स्वामी विवेकानंद शैक्षणिक संस्थान के लिए बिल्डिंग बनाई गई। बिल्डिंग बनकर तैयार हो गया है लेकिन नगर निगम यह तय नहीं कर सका कि स्वामी विवेकानंद शैक्षणिक संस्थान का संचालन कौन और कैसे करेगा। इस बीच बिल्डिंग की रंग उड़ने लगी। तब नगर निगम ने इस बिल्डिंग को जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को सौंप दिया।
CG News: अर्बन सोसाइटी ने इस बिल्डिंग को भाड़े पर निजी हाथाें में देने का निर्णय लिया। भवन सौंप भी दिया गया। भाड़े पर लेने वाले व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद शैक्षणिक संस्थान में स्कूल खोलने का निर्णय लिया। उसने इस संस्थान के उपर एक स्कूल का बोर्ड लगा दिया लेकिन अभी तक यहां स्कूल भी चालू नहीं हुआ। भवन अब जर्जर हो रही है।
इस्तेमाल नहीं होने से पब्लिक का छह करोड़ 21 लाख 90 हजार से अधिक रुपए बर्बाद हो रहा है। विवेकानंद शैक्षणिक संस्थान जैसे कई और भवन भी शहर के आसपास मौजूद हैं जिनका सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इन्हीं में से एक है दर्री क्षेत्र में स्याहीमुड़ी में बना 100 करोड़ का एजुकेशन अब। जिस मकसद से यहां एजुकेशन हब का निर्माण किया गया वह पूरा नहीं हुआ। इसका बड़ा हिस्सा अभी भी उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। बिल्डिंग समय के साथ जर्जर हो रही है।
खनिज न्याय की राशि से बना स्वामी विवेकाकंद शैक्षणिक संस्थान की बिल्डिंग जर्जर हो रही है। वहीं दूसरी ओर खनिज न्यास से करीब 10 करोड़ रुपए खर्च कर शहर के बीच बना अशोक वाटिका ऑक्सीजन पहले ही आमलोगों के लिए बंद को चुका है। बिना प्रवेश शुल्क के ऑक्सीजोन में लोगों की इंट्री नहीं है। जब खनिज न्यास मद से 10 करोड़ रुपए फंड लेकर इस ऑक्सीजोन का निर्माण कराया गया था, तब जनता को बताया गया था कि पार्क लोगाें के लिए निशुल्क रहेगा। यहां बच्चों से लेकर बड़ों तक के मनोरंजन से जुड़ी सुविधाएं होंगी। लेकिन ऑक्सीजोन के तैयार होते ही इस पर रसूखदारों की नजर लग गई।
जिला खनिज न्यास की संपत्ति को भाड़े पर देने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। अधिकारी बिना ठोस योजना के ही डीएमएफ से राशि निकालकर जगह-जगह बिल्डिंग बना रहे हैं। इसका उपयोग कैसे होगा, इस संबंध में उनके पास कोई कार्ययोजना नहीं है। इसी कारण से बिल्डिंग खराब हो रही है: लक्ष्मी चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता
Published on:
24 Oct 2025 01:22 pm
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