
CG Road Accident: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हाइवे पर सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या ने यात्रा करने वाले लोगों को परेशान कर दिया है। यह राजमार्ग छत्तीसगढ़ को उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड से जोड़ता है। राजमार्ग पर यातायात का दबाव ज्यादा है। छोटी-बड़ी गाड़ियां काफी तेज गति से आगे बढ़ती हैं। यही इस मार्ग पर दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है।
CG Road Accident: बिलासपुर से अंबिकापुर के बीच का सफर आसान हो इसके लिए राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया गया। उम्मीद थी कि इससे लोगों का सफर आसान होगा और माल परिवहन में तेजी आएगी। सड़क लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा लेकिन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
सड़क पर हो रहे हादसों को लेकर पुलिस की ओर से समय-समय पर कारणों का पता लगाया गया है और इससे संबंधित सुझाव भी दिए गए हैं। लेकिन सुझाव पर अमल नहीं हो रहा है और जिले में सड़क दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
इधर पुलिस का कहना है कि हाइवे पर हो रहे हादसे की रोकथाम को लेकर इंटर सेप्टर की मदद ली जा रही है। जिस स्थान पर गाड़ियां काफी स्पीड से भाग रहीं हैं उस क्षेत्र में पुलिस इंटर सेप्टर लगाकर वाहनों की जांच कर रही है। गाड़ियों का चालान किया जा रहा है। उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है। यात्रा के दौरान सावधानी बरतें इसके लिए जागरूक किया जा रहा है। इस हाइवे पर हादसे का एक और कारण हाइवे की ड्राइंग डिजाइन को बताया जा रहा है।
पाली से मोरगा के बीच दर्जन भर ऐसे स्थान हैं जहां अंधा मोड़ है। अत्यधिक रफ्तार अंधे मोड़ पर अक्सर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। गाड़ियां नियंत्रित नहीं हो पा रही है। इससे लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है जो राहगीरों के साथ-साथ उनके परिवारों के लिए भी चिंता का कारण बना हुआ है। सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रही है।
बिलासपुर-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग जिले से होकर गुजरता है और इस राजमार्ग पर तीन थाना और दो पुलिस चौकी स्थित है। सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं इसी मार्ग पर हो रही है। जनवरी से अभी तक हाइवे पर स्थित तीन थानों में छोटी-बड़ी 200से अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई है। इसमें नवंबर तक 117 लोग मारे गए हैं। दिसंबर के आंकड़ों को शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 120 के पार पहुंच जाती है।
हाइवे पर हो रही दुर्घटना की टाइमिंग का भी पुलिस ने विश्लेषण किया है। समय-समय पर होने वाली इस विश्लेषण में पुलिस को पता चला है कि ज्यादातर घटनाएं सुबह और शाम के समय हो रही है। शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक ज्यादा हादसे हो रहे हैं। दुर्घटना की दृष्टि से सुबह 4 से 8 बजे का समय भी खतरनाक माना गया है।
कोरबा जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटना का एक और कारण शराब भी माना जा रहा है। छोटी-बड़ी वाहन चालकों में शराब पीकर वाहन चलाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। पुलिस की समय-समय पर होने वाली जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है। शराबी वाहन चालक घटना की संख्या को बढ़ा रहे हैं।
थाना मृत्यु
पाली 52
उरगा 40
कटघोरा 35
बांगो 30
बालको 25
दीपका 23
पसान 18
सिविल लाइन 15
करतला 13
हरदीबाजार 12
बांकीमोंगरा 10
दर्री 10
कुसमुंडा 10
कोतवाली 08
लेमरू 04
श्यांग 02
Published on:
30 Dec 2024 01:38 pm
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