
CG Winter 2025: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में बुधवार को साल की शुरुआत हुई। लेकिन साल की पहले ही रात के तापमान ने लोगों को परेशान किया। रात भर ठंडी से लोगों का सामना हुआ। इससे बचने के लिए लोगों ने गर्म कपड़ों का सहारा लिया। घरों में अलाव जलाए गए। हालांकि जैसे-जैसे दिन में तापमान चढ़ता गया वैसे-वैसे लोगों को ठंडी से थोड़ी राहत मिली लेकिन दोपहर बाद ठंड फिर बढ़ गया।
प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टर्वेंस के कारण तापमान में गिरावट आ रही है। इसका असर प्रदेश के ऊर्जाधानी कहे जाने वाले कोरबा में देखा जा रहा है। बुधवार को शहर का अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह तापमान पिछले दो-तीन दिनों से लगातार घट रहा है।
मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि तापमान में गिरावट का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। आने वाले कुछ दिनों तक लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलेगी। जिले में पड़ रही ठंड का कारण वेस्टर्न डिस्टर्वेंस के कारण चल रही हवाएं भी हैं जो 12 से 15 किलोमीटर की रतार से चल रही है। इसके कारण ठंड बढ़ गई है। इसका असर लोगों के जनजीवन पर भी पड़ रहा है। बुधवार शाम तक शहर की सड़कें सूनी हो गई थी। जरूरी कार्य होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे थे।
ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। घरों के बाहर अलाव जलाए जा रहे हैं। शहर में कई जगह स्थित स्लम बस्तियों में भी ठंड से बचने के लिए लोगों ने जगह-जगह आग जलाया हुआ है। मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। आसमान में छाए बादलों के छंटने के बाद मौसम साफ हुआ है। पश्चिम की तरफ से ठंडी हवाएं चल रही है। इस कारण न्यूनतम और अधिकतम दोनों तापमान में गिरावट आ रही है।
इसका असर ऊर्जाधानी में देखा जा रहा है। हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। आने वाले दिनों में लोगों को अभी राहत की उमीद नहीं है। सर्दी की छुट्टियां खत्म हो गई हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूल खुल गए हैं। सीबीएसई बोर्ड से संबंधित स्कूलें भी गुरुवार से खुल रहीं हैं। इससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है।
अभिभावकों को बच्चों के सुरक्षा की चिंता सता रही है। ठंड का ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर होता है। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से स्कूलों की टाइमिंग में पहले ही बदलाव किया गया है लेकिन सुबह जिस प्रकार से ठंड पड़ रही है इससे बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी परेशान हैं। खासकर उन विद्यालयों के बच्चे जो सुबह 7 बजे से तैयार होकर स्कूलों के लिए निकलने लगते हैं। इन्हीं बच्चों पर ज्यादा कोल्ड अटैक का खतरा बना हुआ है।
अभिभावकों का कहना है कि इस साल जब सर्दी की छुट्टियां शुरू हुई तब आसमान में बदली थी इस कारण ज्यादा ठंड नहीं पड़ी। अब जब विद्यालय खुल गए हैं तो ठंडी बढ़ गई है। इससे उनकी परेशानी कम नहीं हो रही है। अभिभावक अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। कान सहित शरीर के सभी हिस्सों को उलन के कपड़ों से ढंककर स्कूल भेज रहे हैं।
Updated on:
02 Jan 2025 01:19 pm
Published on:
02 Jan 2025 01:18 pm
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