
CG Coal News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में उत्पादन संकट से जूझ रही अंडरग्राउंड कोयला खदानों के लिए अच्छी खबर है। लगभग नौ माह के बाद लंबे इंतजार के बाद कोयला कंपनी को सिंघाली कोयला खदान चालू करने के लिए फिर से अनुमति मिल गई है। कंपनी ने कोयला खनन शुरू कर दिया है।
जिले में एरिया के अधीन कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल की ओर से सिंघाली अंडरग्राउंड खदान का संचालन किया जाता है। खदान में वर्तमान में लगभग 550 मजदूर कार्यरत हैं। सीटीओ (कंसर्न टू ऑपरेट) सर्टिफिकेट नहीं होने के कारण पिछले साल 28 अप्रैल से यह खदान बंद था। यहां से कोयला खनन नहीं हो पा रहा था।
कंपनी के स्थानीय अधिकारी मुख्यालय के संपर्क में थे और प्रदेश सरकार से सिंघाली कोयला खदान को चालू करने के लिए कंसर्न टू ऑपरेट सर्टिफिकेट की मांग कर रहे थे लेकिन विभागीय अड़चन के कारण इसे प्राप्त करने में देरी हो रही थी। आखिरकार कंपनी को कंसर्न टू ऑपरेट सर्टिफिकेट 25 जनवरी को प्राप्त हुआ और इसी दिन से कोयला कंपनी ने यहां से खनन भी शुरू कर दिया है। सीटीओ सर्टिफिकेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जारी किया जाता है।
कोयला खनन शुरू होने से सिंघाली खदान को बड़ी राहत मिली है और इससे कंपनी एक बार फिर मानव संसाधन का पूरा इंस्तेमाल करने लगी है। सिंघाली खदान अंडरग्राउंड है और यहां कोयले की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण इसकी मांग अधिक है। 9 माह से खदान के उत्पादन से बाहर होने से कंपनी दोहरी मार झेल रही थी। एक तरफ कोयला नहीं निकल रहा था तो दूसरी तरफ कंपनी अपने मजदूरों को बैठाकर वेतन का भुगतान कर रही थी।
एसईसीएल बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. सनीषचंद्र ने बताया कि सीटीओ सर्टिफिकेट मिलने में देरी के कारण इस खदान से खनन शुरू नहीं हो पा रहा था। अब जब अनुमति मिल गई है तो दोबारा खनन शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कुछ और भूमिगत कोयला खदानों को चालू करने की योजना है। इसमें कोरबा एरिया के अंतर्गत स्थित अंडरग्राउंड कोयला खदान रजगामार भी शामिल है।
कोरबा एरिया में स्थित अंडरग्राउंड खदानों की स्थिति बेहद खराब है। कोई भी अंडरग्राउंड खदान लक्ष्य के अनुसार उत्पादन नहीं कर रही है। इस कठिन समय में सिंघाली को अनुमति मिलने से कंपनी का स्थानीय प्रबंधन उत्साहित है। प्रबंधन से जुड़े कोरबा एरिया के अधिकारी का कहना है कि यह उत्पादन के लिए राहत भरी खबर है। कई माह से कंसर्न टू ऑपरेट सर्टिफिकेट के लिए प्रयास किया जा रहा था जो अब सफल हुआ है।
बताया जाता है कि इस खदान से हर माह लगभग 24 हजार टन कोयला खनन होता है। इसके लिए कंपनी का स्थानीय प्रबंधन रोजाना 600 से 700 टन कोयला बाहर निकालता है। अब खदान के उत्पादन में आने से कंपनी को एक नई उम्मीद जगी है। कंपनी कोशिश कर रही है कि पूर्व की भांति ही यहां से कोयला बाहर निकाला जा सके। आने वाले दिनों में कंपनी रोजाना की लक्ष्य के अनुसार इस खदान से कोयला खनन के लिए कोशिश करेगी।
Updated on:
28 Jan 2025 10:53 am
Published on:
28 Jan 2025 10:52 am
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