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पति ने गला घोंटकर की पत्नी की हत्या! पोस्टमार्टम के लिए बच्चों को उठाना पड़ा कर्ज, बदहाल सिस्टम पर उठे सवाल…

CG News: कोरबा जिले में विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के गांव लैंगा में घरेलू झगड़ा पति-पत्नी की मौत का कारण बन गया। गला घोंटकर पति ने पत्नी की हत्या कर दी।

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पति ने गला घोंटकर की पत्नी की हत्या! पोस्टमार्टम के लिए बच्चों को उठाना पड़ा कर्ज, बदहाल सिस्टम पर उठे सवाल...(photo-patrika)

पति ने गला घोंटकर की पत्नी की हत्या! पोस्टमार्टम के लिए बच्चों को उठाना पड़ा कर्ज, बदहाल सिस्टम पर उठे सवाल...(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के गांव लैंगा में घरेलू झगड़ा पति-पत्नी की मौत का कारण बन गया। गला घोंटकर पति ने पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी पति फांसी के फंदे पर झूल गया। परिवार आर्थिक तौर पर इतना कमजोर है कि उसके पास दोनों शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पैसे नहीं थे। इस बीच पोस्टमार्टम करने वाले सरकारी सिस्टम ने जरूरी सामान लाने के नाम पर 4 हजार रुपए लिया।

CG News: सिस्टम बदहाल

पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है। घटना पसान थाना क्षेत्र के गांव नवापारा भेलवाटिकरा की है। गांव में संतराम यादव (40 वर्ष) परिवार के साथ रहता था। संतराम कोरबा के एक निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी में ड्राइवरी करता था। संतराम घर पहुंचा। शनिवार दोपहर उसने अत्यधिक शराब पी लिया, वह घर के बाहर हंगामा कर रहा था। शाम को पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ।

मामला इतना बढ़ गया कि संतराम ने घर में अपने हाथों से पत्नी अमृता बाई यादव (35 वर्ष) का गला घोंट दिया। संतराम डर गया और उसने खुद भी फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया। जिस समय यह घटना हुई, उस समय संतराम के दो बच्चे घर में मौजूद थे, जबकि दो बच्चे गांव में ही किसी काम से गए थे। प्रारंभिक जांच में पुलिस को पता चला है कि पति-पत्नी के संबंध ठीक नहीं थे।

संतराम को शराब पीने की आदत थी। वह अक्सर शराब के नशे में पत्नी से विवाद करता था। शनिवार को भी शराब के नशे में पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। कानूनी कार्यवाही शुरू हुई। रविवार को दोनों का पोस्टमार्टम कराया गया।

पति ने गला घोंटकर पत्नी को मारा

पोस्टमार्टम के दौरान मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया। संतराम के चार बच्चे हैं। परिवार आर्थिक रूप से इतना कमजोर है कि उसके पास शव को मर्च्यूरी तक ले जाने के लिए पैसे नहीं थे, तब सरकारी सिस्टम ने बीच का एक रास्ता निकाला। इसके तहत संतराम के बच्चों से पोस्टमार्टम के दौरान लगने वाली सामाग्री की खरीदी के लिए 11 हजार रुपए की मांग की गई।

परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे, लेकिन बच्चों को एक दुकानदार से कर्ज लेकर 4 हजार रुपए देना पड़ा। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ। इसके पीछे बड़ा कारण सरकारी विभाग के पास पीएम के लिए जरूरी साधन-संसाधन का नहीं होना है। बताया जाता है कि पसान में कोई ऐसा कर्मचारी नहीं है जो पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर की उपस्थिति में शव का चीर-फाड़ कर सके।

घर के पीछे बाड़ी में किया गया पोस्टमार्टम

रविवार को यादव दंपती के शव का पोस्टमार्टम उनके घर के पीछे बाड़ी में किया गया। इस दौरान पसान के चिकित्सक और पोस्टमार्टम के लिए शव को चीर-फाड़ करने वाले कर्मचारी उपस्थित थे।


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