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Liquor Ban: इस गांव में शराब बनाना, बेचना और पीना पूरी तरह प्रतिबंधित… पंचायत ने लिए ये बड़ा फैसला, जानें वजह

Liquor Ban: गांव और खासकर युवा पीढ़ी को नशे की गुलामी से मुक्त करने के लिए इस साल आजादी पर्व पर विशेष पहल करते हुए गांव में पूर्ण रूप से शराबबंदी का नियम बनाया है।

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Liquor Ban (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Liquor Ban (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Liquor Ban: पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत माखनपुर ने नशामुक्ति की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। गांव और खासकर युवा पीढ़ी को नशे की गुलामी से मुक्त करने के लिए इस साल आजादी पर्व पर विशेष पहल करते हुए गांव में पूर्ण रूप से शराबबंदी का नियम बनाया है। गाव की सरपंच प्रेमलता पोर्ते और पंचायत पदाधिकारियों के नेतृत्व में महिलाओं ने संगठित होकर यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गांव में इस नियम को अमल में लाने के लिए महिलाओं ने पूर्ण नशा बंदी को लेकर शपथ भी ली।

ग्राम माखनपुर के पंचायत भवन में शराब बंदी को लेकर महिलाओं ने एक विशेष बैठक आयोजित की। जिसमें सर्वसमति से प्रस्ताव पारित किया गया कि गांव में शराब का बनाना, बेचना और सेवन अब पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और पुलिस कार्रवाई, दोनों का सामना करना पड़ेगा। महिलाओं ने कहा कि गांव में पूर्णत: शराब बंदी के लिए लोगों को समझाइश दी जाएगी। उन्हें पंचायत की ओर से लिए गए निर्णय से भी अवगत कराया जाएगा।

अभियान में महिलाओं ने संभाली कमान

गाव की महिलाओं ने कहा कि गांव में शराब की वजह से घरेलू कलह, आर्थिक तंगी और बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। परिवार की खुशहाली और बच्चों का उज्ज्वल भविष्य हमारी पहली प्राथमिकता है। इसलिए गॉव में शराबंदी का निर्णय लिया गया है। महिला शक्ति, पंचायत प्रतिनिधियों, युवाओं और वरिष्ठ ग्रामीणों के सहयोग से इस मुहिम को गांव में सशक्त रूप से लागू किया गया है।

अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बना माखनपुर

माखनपुर की इस पहल को आसपास की पंचायतों में भी सराहना मिल रही है। मितानिन, महिला समूह और किशोरी बालिकाएं अन्य गांवों में भी नशामुक्ति अभियान चलाने की तैयारी कर रही हैं। यह पहल अब एक जनआंदोलन का रूप ले रही है, जो आने वाले समय में क्षेत्र की सामाजिक स्थिति को सकारात्मक रूप से बदल सकती है।

नियमों का उल्लंघन किया तो होगी कार्रवाई

गॉव में आयोजित बैठक में यह तय हुआ कि यदि गांव में कोई व्यक्ति महुआ शराब बनाते, बेचते या पीते पकड़ा गया, तो पंचायत स्तर पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

युवाओं और व्यापारियों का भी मिला समर्थन

गांव के युवाओं और व्यापारियों ने भी इस अभियान का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने शराब के खिलाफ इस मुहिम का समर्थन करते हुए कहा कि भावी युवा पीढ़ी की बेहतरी के लिए यह अच्छा है। वहीं महिलाओं की इस पहल के बाद कई गाव में कुछ अवैध शराब विक्रेताओं ने स्वयं ही अपना कारोबार बंद कर दिया।

नशा किसी भी परिवार की बर्बादी के लिए प्रमुख कारण होता है। खासकर गांव के युवाओं को नशे की गुलामी से मुक्त कराने के लिए हमने मिलकर यह निर्णय लिया गया है। गांव में शराब बर्दाश्त नहीं की जाएगी, यह घरों की बर्बादी और बच्चों के भविष्य का बड़ा दुश्मन है। - प्रेमलता पोर्ते,सरपंच ,माखनपुर