मकानों की संख्या कम, वार्ड से किस परिवार को मिलेगा मकान इस पर संशय
जिन पांच जगहों पर मकानों का निर्माण कराया जा रहा है। वहां पर हितग्राहियों को लेकर संशय की स्थिति भी है। दरअसल वार्डों में एक साथ सैकड़ों लोगों ने मकान के लिए आवेदन किया था। इनमें से किनको मकान मिलेगा या नहीं। यह अब भी स्पष्ट नहीं है। किस वार्ड के लोगों को मिलेगा यह भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार है। जब भी मकान आबंटन की प्रक्रिया शुरु होगी तो विवाद की स्थिति निर्मित जरुर होगी। निकाय चुनाव को लेकर पार्षद व दावेदार भी वोटों की राजनीति के लिए हंगामा कर सकते हैं। इसलिए इस पूरी प्रक्रिया को निकाय चुनाव के बाद करने की तैयारी निगम ने की है। नए महापौर के हाथों ही मकानों की चाबी मिल सकेगी।
67 वार्ड में 93 स्थायी स्लम बस्ती
दिल्ली की टीम ने सर्वे रिपोर्ट के हिसाब से कोरबा में 67 वार्ड में से 93 स्थायी स्लम बस्तियां है। इनमें तीन रेलवे की जमीन पर, तीन सिंचाई विभाग, वन विभाग की जमीन पर दो तो शेष राज्य सरकार की जमीन पर काबिज है। इनमें सबसे अधिक मकान बनाने के लिए जिन बस्तियों के लोगों ने मांग रखी है उसमें से सर्वमंगलापारा, रामसागरपारा, तुलसीनगर, राताखार, पटेलपारा, मोतीसागरपारा, मुड़ापार, राजीवनगर, परसाभाठा, भदरापारा, नेहरूनगर, बांकीमोंंगरा सहित अन्य बस्तियां है।
तीन फ्लोर, सारी सुविधाएं भी
अपार्टमेंट में फ्लैट का निर्माण तीन फ्लोर में किया गया है। इसमें 2 कमरे, किचन, शौचालय व बाथरूम बनाया जा रहा है। कमरों में टाइल्स भी लगाया जा रहा है। पार्किंग के लिए भूतल में जगह छोड़ी गई है।