
मानसून में भी नहीं थमेगा उत्पादन, खदानों (photo-unsplash)
CG Coal Mining: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निदेशक तकनीकी अच्युत घटक ने एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र का दौरा कर खदान का निरीक्षण किया। उनके साथ एसईसीएल के निदेशक तकनीकी (संचालन एवं योजना) एन. फ्रैंकलिन और सीआईएल के कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट प्लानिंग एवं प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग) राजशेखर किन्नेरा भी उपस्थित थे।
निदेशक तकनीकी कुसमुंडा क्षेत्र के महत्वपूर्ण खदान पैच गोदावरी पैच और नीलकंठ पैच का दौरा किया और कार्य का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने संचालन व्यवस्था का मूल्यांकन किया और उत्पादन बढ़ाने एवं कार्यकुशलता में सुधार के लिए सुझाव दिए। उन्होंने अधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार कोयला उत्पादन और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए कुशल योजना एवं संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर जोर दिया।
कुसमुंडा खदान के मुय महाप्रबंधक सचिन तान पाटिल ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि विभागीय व ठेका खदानों में उत्पादन लक्ष्य के अनुसार उत्पादन की क्या स्थिति है। क्षेत्र की खनन योजना एवं उत्पादन रणनीति की भी जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान श्री घटक ने खनन क्षेत्र की योजनाओं, उत्पादन के विभिन्न पहलुओं एवं संसाधन प्रबंधन की रणनीतियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इसके पूर्व निदेशक तकनीकी ने गेवरा खदान का भी निरीक्षण किया था। मानसून के दौरान खदानों में कोयला उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। एसईसीएल की जिले में स्थित मेगा परियोजना गेवरा,दीपका व कुसमुंडा क्षेत्र की कोयला खदानें भी अभी अपने तय वर्तमान उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कोयला उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है।
निदेशक तकनीकी अच्युत घटक ने कुसमुंडा खदान के पहले दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने परियोजना के प्रमुख संचालन एवं योजना संबंधी पहलुओं की समीक्षा कर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। रालिया व नरईबोध में भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याएं, नरईबोढ़ में डायवर्जन रोड का विकास तथा खदान के विभिन्न पैचों में ओबी हटाने एवं कोयला उत्पादन के माध्यम से 63 मिलियन टन के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
निदेशक तकनीकी अच्युत घटक ने कोयला खदान के निरीक्षण के दौरान आरएलओएस संचालन, लक्ष्मण सर्किट, उपकरणों की दक्षता व उपयोगिता की जानकारी ली। उन्होंने मानसून को ध्यान में रखते हुए खदानों में आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
Published on:
28 Jul 2025 01:31 pm
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