
Lahiri college library
बैकुंठपुर. Book theft from Library: शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी की लाइब्रेरी से 50 हजार किताबें चोरी हो गई थीं। इस मामले के अलावा अन्य अनियमितता बरतने वाली प्रभारी प्राचार्य डॉ. आरती तिवारी (प्राध्यापक-राजनीतिशास्त्र) को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि (Suspension time) में नवीन कन्या महाविद्यालय बैकुंठपुर में अटैच किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव एआर खान के हस्ताक्षर से निलंबन आदेश जारी हुआ है। यह उच्च शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
निलंबन आदेश में उल्लेख है कि कॉलेज की लाइब्रेरी से 50 हजार किताबें व अन्य अनियमितता की जांच के आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
ऐसा कृत्य के लिए राज्य शासन को यह समाधान हो गया है कि इन्हें(प्रभारी प्राचार्य) जनहित में पद पर बनाए रखना उचित नहीं है। डॉ आरती तिवारी प्रभारी प्राचार्य द्वारा किए गए कृत्य के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
यह है मामला
लाइब्रेरी सहायक बिलाल अहमद की ओर से चिरमिरी थाना में 26 मई को रिपार्ट दर्ज कराई गई है। लाइब्रेरी में चोरी होने की लिखित आवेदन पत्र सौंपा गया है। इसमें बताया गया है कि लाहिड़ी महाविद्यालय के पुराने ग्रंथालय में चोरी की 17 मई को जानकारी मिली। कॉलेज के स्टाफ अशोक मानिकपुरी ने सुबह 11 बजे बताया कि पुराने ग्रंथालय में कुछ हुआ है।
उसके बाद पुराने ग्रंथालय में जाकर देखने पर लोहे के ग्रिल का ताला व लकड़ी का दरवाजा टूटा हुआ था। बाहर से देखने पर अलमारी से सारी पुस्तकंे चोरी कर ली गई थीं। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 380, 457 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
लाइब्रेरी में ब्रिटिशकालीन किताबें तक मौजूद, रिफरेंस में स्टूडेंट्स को जरूरत पड़ती है
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में वर्ष 1953 में शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना हुई थी, जहां से 50 हजार से ज्यादा किताबें चारी होने का मामला सामने आया है। मामले में लाहिड़ी पीजी कॉलेज के एल्युमिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने लाइब्रेरी पहुंचकर जायजा लिया था।
वहीं प्रशासन से कार्रवाई की मांग रखी थी। उन्होंने बताया कि यह कालेज ही नहीं है, विद्या के मंदिर के साथ चिरमिरी के धरोहर एवं प्रगति की महत्वपूर्ण कडी है, जिसकी स्थाना स्व. विभूति भूषण लाहिड़ी ने एक दूर दृष्टता के साथ की थी। यहां सर्वसुविधायुक्त प्रोफेसर कॉलोनी, लाइब्रेरी, स्टाफ कक्ष, लैब, हर फेकल्टी के लिए रूम, आडिटोरियम, कैंटिन व छात्राओं के लिए कॉमन हॉल था। एक-एक कर सभी की दशा और दिशा बदली है।
छात्रों के अध्ययन करने के लिए लाइब्रेरी एक बहुत महत्वपूर्ण जरिया होता है। हमने भी लाइब्रेरी से सभी किताबें लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की है। लाइब्रेरी में वर्ष 1930 की किताबें अभी भी पड़ी है,जो अध्ययन के लायक हंै। ऐसी चर्चा है कि किताबें सिलेबस से बाहर हो चुकी है तो मैं उन्हे बताना चाहता हूं कि यहां जो भी किताबें थी, वे सभी अध्ययन के लायक थीं। रिफरेंस के रूप में छात्रों को उनकी जरूरत हमेशा पड़ती है।
Published on:
04 Jun 2022 07:12 pm
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