
Elephants broken hut (Photo- Patrika)
बैकुंठपुर। कोरिया जिले के बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत 11 हाथियों का दल गुरुवार की रात पहुंचा था। हाथी ग्राम बिशुनपुर में रेलवे ट्रैक के पास पहुंचे ही थे कि तेज रफ्तार में वहां से मालगाड़ी गुजरी। इससे हाथी बिदक गए और पास में ही झोपड़ी में रह रहे बुजुर्ग को कुचलकर मार (Elephants killed villager) डाला। हाथियों को देखकर बुजुर्ग ने भागने की कोशिश तो की, लेकिन हाथियों ने उसे घेर लिया था। सूचना पर शुक्रवार की सुबह वन अधिकारी व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने पीएम पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया।
कोरिया जिले के चरचा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिशुनपुर के बांधपारा निवासी फुलसाय पंडो 62 वर्ष के कोई संतान नहीं थे। वह गांव से लगे रेलवे ट्रैक के पास झोपड़ी बनाकर रहता था। जबकि उसके भाई समयलाल पंडो अपने परिवार के साथ गांव में रह रहा था। गुरुवार की रात फुलसाय (Elephants killed villager) अपनी झोपड़ी में था।
शुक्रवार की सुबह उसकी क्षत-विक्षत लाश (Elephants killed villager) झोपड़ी से कुछ दूर मिली। गांव के लोगों का कहना है कि 11 हाथियों के दल ने उसे मार डाला। बताया जा रहा है कि हाथियों का दल रेलवे ट्रैक पार करने ही वाला था कि वहां से तेज रफ्तार में एक मालगाड़ी गुजरी।
मालगाड़ी के शोर से हाथी बिदक गए और फुलसाय की झोपड़ी के पास पहुंच गए। यहां उन्होंने पहले झोपड़ी तोड़ दी, जब फुलसाय जान बचाने भागने लगा तो हाथियों ने उसे घेर लिया और सूंंड से पटकने के बाद कुचल (Elephants killed villager) दिया।
घटना की सूचना सुबह चरचा पुलिस व वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही डिप्टी रेंजर मंगल साय तथा थाना प्रभारी प्रमोद कुमार पांडये अपनी-अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
हाथियों द्वारा कुचले (Elephants killed villager) जाने से फुलसाय के शरीर के टुकड़े हो गए थे। उन्होंने शव बरामद कर पीएम पश्चात परिजन को सौंप दिया। वन विभाग की ओर से उसके परिजन को 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई।
डिप्टी रेंजर मंगल साय ने बताया कि 11 हाथियों का यह दल (Elephants killed villager) कटघोरा वनमंडल से आया है। रात में हाथी कटनी-गुमला नेशनल हाइवे-43 पार कर बिशुनपुर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ माह पूर्व ही हाथियों के इस दल ने सोनहत क्षेत्र से भ्रमण करता हुआ कटघोरा वनमंडल में प्रवेश किया था। अब ये हाथी वापस लौट रहे थे।
Updated on:
28 Nov 2025 05:27 pm
Published on:
28 Nov 2025 05:26 pm
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