कोटा की सहकारी समितियों में लगातार खुल रहे घोटाले, अफसरों ने 32 लाख का गबन कर आपस में बांटे
पहली तस्वीर
साल 2019… रोहणी का तपना तो अभी बाकी है, बावजूद इसके एक साथ शुरू हुई आग की बारिश 43.9 डिग्री सेल्सियस तक ले गई। अप्रेल के महीने का औसत तापमान जून में तीन डिग्री तक बढऩे की संभावना है, जबकि किशोर सागर से लेकर कोटा जंक्शन तक घने पेड़ों के बीच होकर गुजर रही सड़क पर भरी दुपहरी में तापमान इससे तीन से चार डिग्री कम आंका जा रहा है।
कोटा सहकारी में जबरदस्त घोटाला, पहले 45 लाख चुराए, पोल खुली तो जेब से जमा कराए, मौका मिलते ही फिर उड़ा लिए लाखों रुपए
दूसरी तस्वीर
अप्रेल 2018… गर्मी की दस्तक देने वाले इस महीने में पारा बीते सात साल में 3.7 डिग्री ऊपर तक चढ़ आया…। नए शहर में मौसम का औसत तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा, जबकि पुराने शहर को छांव का आसरा दे रहे घने पेड़ों ने इसे 41.3 डिग्री सेल्सियस से आगे ही नहीं बढऩे दिया।
तीसरी तस्वीर
27 मई 2017…दोपहर दो बजे… कंक्रीट के जंगलों से घिरे कोटा हवाई अड्डे का तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा…। वहीं छायादार घने पेड़ों से अटे आर्मी एरिया में ठीक उसी वक्त तापमान दो डिग्री से ज्यादा कम… यानी 42.5 डिग्री सेल्सियस था।
चौथी तस्वीर
19 और 20 मई 2016… 48 घंटे तक पारे का माथा ऐसा ठनका कि दोनों दिन तापमान 48.2 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही नहीं उतरा, जबकि शहर के पुराने हिस्से जहां छायादार घने पेड़ लगे थे, नेहरू पार्क के इर्द गिर्द पारा करीब 3.5 डिग्री नीचे ही डटा हुआ था, यानी 44.7 डिग्री सेल्सियस
स्याह पहलू
इन तस्वीरों का स्याह पहलू यह रहा कि अप्रेल महीने से ही आग बरसाने वाली गर्मी ने पिछले सात सालों में कोटा के औसत पारे को 3.7 डिग्री सेल्सियस ऊपर चढ़ा दिया है। कोटा का पारा 48.5 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है और यदि एयर कंडीशनर चलते रहे और उनके ग्रीन हाउस गैसें उगलने की रफ्तार यही रही तो अगले एक दशक में पारा बेधड़क हो 55 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाएगा। इसी तस्वीर का एक और स्याह पहलू है… प्रदूषण। जो पेड़ों की कटाई और धुआं उगलते वाहनों और उद्योगों के चलते रोज नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है।