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डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना लिए देशभर से कोटा पहुंचे स्टूडेंट्स, कोचिंग नगरी में अभिभावक इन बातों का रखे ख्याल

locationकोटाPublished: Apr 11, 2019 12:35:48 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में बेस्ट परिणाम के बाद एक बार फि र से कोचिंग नगरी कोटा में डॉक्टर व आईआईटीयन बनने का सपना संजोए विद्यार्थी आने लगे हैं।

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डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना लिए देशभर से कोटा पहुंचे स्टूडेंट्स, कोचिंग नगरी में अभिभावक इन बातों का रखे ख्याल

कोटा. Medical And Engineering Entrance Exam में बेस्ट परिणाम के बाद एक बार फिर से Kota coaching में Doctor व आईआईटीयन बनने का सपना संजोए विद्यार्थी आने लगे हैं। इन दिनों Railway stations, bus stands, hostels में विद्यार्थियों की भीड़ है, क्योंकि कोटा में वो सब कुछ है, जो एक विद्यार्थी को चाहिए। यहां उसे राष्ट्रीय स्तर की स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा के साथ अच्छी फैकल्टीज का मार्गदर्शन मिलता है। ऐसे में कोटा विद्यार्थियों व अभिभावकों की पहली पसंद बना हुआ है।
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इसी के चलते कोटा में एक बार फि र हलचल शुरू हो गई है। देशभर में भले ही स्कूलों में परीक्षाएं खत्म हुई हों, गर्मी की छुट्टियों में घूमने और समर कैम्प अटैंड करने की प्लानिंग हो रही हो, लेकिन कोटा का माहौल इससे बिल्कुल उलट है। यहां अब पढ़ाई शुरू होने जा रही है। बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के साथ ही Kota Coaching संस्थानों के बैच के अनाउंसमेंट हो गए हैं। इसके साथ ही यहां विद्यार्थियों और अभिभावकों का आना शुरू हो गया है। इधर, कोटा भी इनके स्वागत के लिए तैयार है। स्टेशन पर उतरने के बाद ऑटो ड्राइवर से लेकर कोचिंग संस्थान, हॉस्टल संचालक, मैस संचालक, चाय वाले, ठेले वाले हर कोई आवभगत के लिए उतावले हैं।
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पहले फेज ने बढ़ाया उत्साह
शहर के कोचिंग संस्थानों में प्रवेश की स्थितियां और कोटा आने वाले स्टूडेंट्स और पेरेन्ट्स की संख्या देखें तो पहले फेज में हुए प्रवेशों ने कोचिंग संस्थानों का उत्साह बढ़ा दिया है। पहले फेज में प्रवेश लेने के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स इस बार कोटा आ रहे हैं। कोचिंग संस्थानों का अनुमान है कि पहले फेज में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी इस बार नजर आ रही है। ऐसे में कोटा में कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों की संख्या इस बार डेढ़ से पौने दो लाख के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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नीट के कारण बढ़ोतरी
नी ट ऑल इंडिया होने के बाद कोटा में कोचिंग लेने आ रहे विद्यार्थियों की संख्या बढऩे का अनुमान लगाया जा रहा है। गत तीन वर्षों में कई राज्य नीट से नहीं जुड़ रहे थे, लेकिन गत वर्ष नीट ऑल इंडिया लेवल पर हो गई। ऐसे में पूरे देश में एक मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम होने से मेडिकल कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढऩे लगी है और इससे कोटा आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी बढ़ी है। वर्तमान में कोटा में करीब 60 हजार विद्यार्थी मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। यह संख्या इस वर्ष बढ़कर 85 हजार तक पहुंचने का अनुमान है।
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कोटा आएं तो ये रखें ध्यान


एकदम हॉस्टल नल नहीं करें
अभिभावक ध्यान रखें कि किसी भी हॉस्टल को एकदम से फ ाइनल नहीं करें। कम से कम पांच से छह हॉस्टल और वहां की सुविधाओं को देखें। खाने के स्तर की जांच करें और यह भी देखें कि खाने में क्या-क्या मिलेगा। खाना पौष्टिक होना चाहिए। पेयजल स्वच्छ आ रहा है या नहीं, यह देखें। हालांकि सभी हॉस्टल्स में विद्यार्थियों को पीने के लिए आरओ का पानी उपलब्ध कराया जाता है। सिक्यूरिटी सिस्टम व अनुशासन का स्तर आंके। अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि जिस हॉस्टल को फ ाइनल करने जा रहे हैं कि वहां बॉयोमेट्रिक अटेण्डेन्स की सुविधा है या नहीं। नाइट अटेण्डेन्स के साथ इन और आउट अटेंडेन्स हो तो और ज्यादा अच्छा। प्रयास करें कि हॉस्टल में विद्यार्थी की एंट्री रात्रि में 9 बजे तक हो जाए। मेडिकल इमरजेन्सी में हॉस्टल में क्या सुविधाएं हैं। कई हॉस्टल संचालकों ने चिकित्सकों से अनुबंध किया हुआ है, ताकि विद्यार्थी की तबीयत खराब होने पर चिकित्सक को कॉल करके बुलाया जा सके। नजदीकी हॉस्पिटल की दूरी देखें।
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गल्र्स के लिए सुरक्षित वातावरण देखें
छात्राओं के लिए अलग से गल्र्स हॉस्टल होते हैं। यह सुनिश्चित करें कि वहां वार्डन एवं अन्य स्टाफ फ ीमेल हो। हॉस्टल में पुरुषों का प्रवेश सख्ती से वर्जित हो। वहां फ ीमेल सिक्यूरिटी गाड्र्स की व्यवस्था हो। कोशिश करें कि हॉस्टल ऐसे क्षेत्र में हो जहां आसपास अन्य हॉस्टल भी गल्र्स के लिए हो। ऐसे में वातावरण में छात्राएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। छात्राओं के मोबाइल में कोचिंग मेंटर, कोचिंग संस्थान, हॉस्टल वार्डन, रूममेट एवं स्थानीय पुलिस थाने के नंबर सेव कराएं।
अन्य सुविधाओं का ध्यान भी रखें
हॉस्टल का चयन करते समय ध्यान रखें कि वहां से कोचिंग संस्थान की दूरी ज्यादा नहीं हो। इससे विद्यार्थी का आने-जाने में अनावश्यक समय खर्च होता है। बाजार हॉस्टल के पास में होना चाहिए, ताकि विद्यार्थी जरूरत के सामान, जैसे कॉपी-किताबें, फ ल व दूध आदि खरीद सके। यदि पास में गार्डन या कोई पार्क होगा तो विद्यार्थी ताजी हवा लेने एवं व्यायाम आदि के लिए वहां भी जा सकेगा। इससे विद्यार्थी काफी रिलेक्स महसूस करता है।
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