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कोटा के कृषि महकमे भी लागू हो सकता है वर्क फ्रॉम होम

कोटा में कृषि, सीएडी कृषि खण्ड और उद्यान विभाग संचालित

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कोटा में कृषि विभाग

कोटा में कृषि विभाग

कोटा. कोरोनाकाल में सरकारी विभागों में भी कामकाज का तरीका बदल रहा है। ऑनलाइन काम की रफ्तार बढ़ गई है। ई-ऑफिस संचालित होने लगे हैं। जिन विभागों के कर्मचारी ऑनलाइन काम से दूर भागते थे, अब वे पूरा काम ही ऑनलाइन कर रहे हैं। कृषि विभाग में भी कोरोनाकाल में कामकाज की नई राहें खुल सकती है। मौजूदा दौर में 33 फीसदी कर्मचारी ही ऑफिस आ रहे हैं, शेष कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।

हाड़ौती में कृषि विभाग का ढांचा साठ के दशक में लागू किए गए सिस्टम से चल रहा है। कोटा में कृषि से जुड़े विभाग एक ही शहर में होने के बावजूद अलग-अलग क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं। जबकि कृषि व उद्यान से जुड़े विभागों का कमोबेश काम एक जैसा ही है। तकनीकी बदलाव के दौर में अब कृषि और उद्यानिकी से जुड़े विभागों को एक ही छत पर लाने की दरकार है।

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अलग-अलग संचालित

कोटा में कृषि व उद्यान विभाग मुख्यतया चार प्रमुख विभागों में विभिक्त है। कृषि खण्ड मुख्यालय में संयुक्त निदेशक, एक उप निदेशक, एक कृषि अधिकारी, एक सहायक लेखाधिकारी समेत मंत्रालयिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इस विभाग का काम चारों जिलों से समन्वय करना तथा सूचनाओं को संकलित कर मुख्यालय भेजना है। यह विभाग वर्क फ्रॉम होम संचालित हो सकता है। दूसरा विभाग कृषि विस्तार संचालित है। इसमें एक उपनिदेशक, दो कृषि अधिकारी तथा एक कृषि अनुसंधान अधिकारी व चार मंत्रालयिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके विभाग के अधीन सांगोद और खैराबाद पंचायत समिति आती है। सहायक निदेशक कार्यालय सांगोद में संचालित है। सीएडी कृषि खण्ड में भी एक अधिकारी संयक्त निदेशक स्तर के परियोजना निदेशक बैठते हैं। इस अनुभाग में कोटा जिले की लाडपुरा, सुल्तानपुरा और दीगोद में संचालित है। इसमें कृषि विस्तार अधिकारी कार्यरत है। पिछले आठ साल से सीएडी कृषि खण्ड को खत्म कर कृषि विभाग में समायोजित करने का प्रस्ताव चल रहा है। वित्त विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी थी। उद्यान विभाग में संयुक्त निदेशक, कृषि उद्यान अधिकारी व सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी बैठते हैं। इसके अलावा नांता कृषि फार्म पर भी उप निदेशक स्तर का अधिकारी बैठता है। कृषि से जुड़े विभागों को एक छत के नीचे लाने की जरूरत है।

यह होंगे फायदे

किसानों को कृषि से जुड़ी जानकारी एक जगह मिल सकेगी।
एक जगह संचालित होने से बेहतर तालमेल होगा।
स्टाफ की कमी दूर होगी, कार्य में तेजी आएगी।

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सीएडी कृषि खण्ड और नॉन सीएडी विभाग कृषि विभाग को एक छत के नीचे लाने या एक करने का निर्णय तो सरकार के स्तर पर ही हो सकता है, लेकिन कृषि भवन बनाकर कृषि से जुड़े तमाम अनुभाग एक छत के नीचे लाने का निर्णय बेहतर साबित हो सकता है।
रामावतार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि खण्ड कोटा