
नसबंदी का बिल पास कराने के लिए भी रिश्वत लेती थी ANM भंवरी देवी
नाम मात्र के मानदेय पर काम करने वाली आशा सहयोगिनियों के लिए इसे हासिल करना टेढ़ी खीर साबित होता है। नसबंदी के बिल भी तब पास किए जाते हैं जब वह ANM को 30 परसेंट रिश्वत देती हैं। बूंदी में बिल पास करने के एवज में रिश्वत ले रही एक ANM भंवरी देवी सेन को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने आशा सहयोगिनी से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा।
बूंदी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने आशा सहयोगिनी से रिश्वत लेते डोडी उप स्वास्थ्य केंद्र की ANM भंवरी देवी सेन को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एएनएम ने यह राशि नसबंदी शिविर के तहत सरकार से मिली राशि के बिलों का सत्यापन करने की एवज में मांगी थी। बारां के एसीबी निरीक्षक ज्ञानचंद ने बताया कि देई थाना क्षेत्र के डोडी गांव निवासी आशा सहयोगिनी रोशन मीणा ने सोमवार को शिकायत पत्र पेश किया था।
3000 रुपए की रिश्वत मांगी थी
एसीबी निरीक्षक ज्ञानचंद ने बताया कि आशा सहयोगिनी को नसबंदी शिविरों में कार्य करने के लिए सरकार की ओर से 10 हजार रुपए की राशि मिलनी थी। इस पैसे को हासिल करने के लिए उसने बिल तैयार किए और सत्यापन के लिए उपस्वास्थ्य केंद्र डोडी ANM भंवरी सेन को सौंप दिए, लेकिन भंवरी ने बिलों का सत्यापन करने के लिए तीस परसेंट की रिश्वत मांगी।
रंगे हाथों धर दबोचा
ACB ने आशा सहयोगिनी की शिकायत का पहले सत्यापन कराया। मामला सही पाए जाने पर एसीबी ने एएनएम को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और मंगलवार शाम को आशा सहयोगिनी को रिश्वत देने के लिए एएनएम भंवरी के पास भेज दिया। भंवरी ने आशा सहयोगिनी को बांसी उपस्वास्थ्य केंद्र के पास स्थित मकान में बुलाया था जहां वह किराए के मकान में रहती है। भंवरी के घर पहुंचने के बाद आशा सहयोगिनी ने जैसे ही रिश्वत के तीन हजार रुपए उसे सौंपे, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथ धर दबोचा।
Updated on:
30 Aug 2017 02:15 pm
Published on:
30 Aug 2017 02:03 pm
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