राजस्थान से हरिद्वार एवं अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन चार या पांच बसें संचालित होंगी। ये बसें शुरू में प्रदेश के सम्भागीय मुख्यालयों से तथा उसके बाद आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों से संचालित की जाएंगी।
कोटा. प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जल्द जा सकेंगे। इसके विशेष बसें नि:शुल्क संचालित होंगी। कोटा संभाग मुख्यालय से भी जल्द हरिद्वार और अन्य विसर्जन स्थलों के लिए बस का संचालन हो सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह मानवीय एवं संवेदनशील निर्णय करते हुए कहा है कि यह अत्यन्त पीड़ादायक है कि अपने परिजनों के निधन के बाद शोकाकुल परिवार उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पाए। अब राज्य सरकार के आग्रह पर उत्तराखण्ड सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के आवागमन की सहमति दे दी है। इससे शोक संतप्त परिजन अस्थि विसर्जन स्थलों पर सुगमता पूर्वक जा सकेंगे।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान सरकार के विशेष प्रयासों के बाद उत्तराखण्ड की सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के संचालन की सहमति दे दी है। उत्तर प्रदेश सरकार से सहमति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। अस्थि विसर्जन के लिए किसी भी परिवार के दो या तीन सदस्य इन विशेष बसों में नि:शुल्क यात्रा कर सकेंगे।
कोटा में 20 कोरोना पॉजिटिव आए, दो जगह लगा कफ्र्यूराज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब राजस्थान से हरिद्वार एवं अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन चार या पांच बसें संचालित होंगी। ये बसें शुरू में प्रदेश के सम्भागीय मुख्यालयों से तथा उसके बाद आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों से संचालित की जाएंगी। कोटा से बस का संचालन होने से हाड़ौती संभाग के बूंदी, बारां और झालावाड़ जिले के शोकाकुल परिवार दिवंगतों की अस्थियों का विसर्जन करने जा सकेंगे।