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कैसे सुधारें सेहत, काम ही नहीं करने देते जिले के कुछ विधायक

locationकोटाPublished: Sep 30, 2017 02:41:55 pm

Submitted by:

ritu shrivastav

सीएमएचओ डॉ. कौशिक बोले, कांटों भरी है कुर्सी। विधायक चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने का काम ही नहीं करने देते।

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सेहत सुधारों सरकार

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पद से हटाए डॉ. अनिल कौशिक ने जिले के विधायकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने का काम ही नहीं करने देते। मीडिया से बातचीत में उन्होंने विधायकों की कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।
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विधायकों ने खींच अपनी एलओसी

सीएमएचओ ने कहा कि स्थानीय विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) खींच रखी है। वह जनता के लिए काम करना चाहते थे, लेकिन कुछ विधायकों के कारण वह अपने मकसद को पूरा नहीं कर सके। उनका कहना है कि जिले की चिकित्सा व्यवस्था सुचारु रखने के लिए एक से दूसरी विधानसभा में कार्मिकों का स्थानांतरण करने पर ही विधायक गाली देने लगते और झगड़ा करने लग जाते थे।
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कुर्सी को कांटों से भरा ताज

डॉ. कौशिक ने कोटा सीएमएचओ की कुर्सी को कांटों से भरा ताज बताते हुए कहा कि जयपुर के अधिकारी भी इस बात को जानते हैं कि कोटा में काम करना कितना मुश्किल है। विधायकों से तालमेल नहीं बैठा पाने की वजह से मुझे सीएमएचओ पद से हटाया गया। हालांकि उन्होंने विधायकों का नाम बताने से इनकार कर दिया।
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सीएमएचओ नहीं, अस्पताल प्रबंधन भी जिम्मेदार

डॉ. कौशिक ने कहा कि चिकित्सा विभाग में सिर्फ सीएमएचओ ही हर बार जिम्मेदार क्यों होता है? एमबीएस, जेकेलोन, रामपुरा व मेडिकल कॉलेज का नया अस्पताल प्रबंधन भी जिम्मेदार है। चिकित्सा तो वहां हो रही है। उसके लिए सीएमएचओ कैसे जिम्मेदार हो सकता है।
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मीटिग में समय बेकार करता है प्रशासन

सीएमएचओ डॉ. कौशिक ने कहा कि प्रशासन पिछले दो माह से पूरा समय व दिमाग बैठकों में लगा रहा है, जबकि मेरे हिसाब से बैठक बेकार होती है। हर बार एक ही एजेंडा रहता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि 27 सितम्बर को नगर निगम में दिव्यांगों के सर्टिफिकेट का कैंप लगा था, जिसमें मेरे डिजीटल साइन से प्रमाणपत्र बनने थे। ऐसे में मैं, जिला परिषद की मीटिंग में कैसे उपस्थित होता, इसे भी मुद्दा बनाया गया।

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