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BIG News: कोटा की 505 इमारतें खतरनाक, लाखों जान खतरे में, जांच में अफसरों को मिले चौंकाने वाले हालात

locationकोटाPublished: Jun 12, 2019 11:37:01 am

Submitted by:

​Zuber Khan

सूरत अग्निकाण्ड के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर कोटा में फायर सेफ्टी ऑडिट की गई थी। इसमें 505 हॉस्टल, होटल, कोचिंग, मल्टीस्टोरी आदि को अग्निमशन की दृष्टि से असुरक्षित माना गया था।

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BIG News: कोटा की 505 इमारतें खतरनाक, लाखों जान खतरे में, जांच में अफसरों को मिले चौंकाने वाले हालात

कोटा. सूरत अग्निकाण्ड के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर कोटा में नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग की ओर से फायर सेफ्टी ऑडिट की गई थी। इसमें 505 हॉस्टल, होटल, कोचिंग, मल्टीस्टोरी आदि को अग्निमशन की दृष्टि से असुरक्षित माना गया था। इसके बाद भवन मालिकों को नोटिस भी थमाए थे। कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को सूची सौंपी थी, लेकिन अधिकारी कार्रवाई के बजाए नोटिसों पर कुण्डली मारकर बैठ गए।
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नगर निगम ने शहर में फायर सेफ्टी के तहत बहुमंजिला इमारतों, अस्पतालों, हॉस्टलों का सर्वे कर कमियां पाए जाने के बाद नोटिस जारी किए थे। संबंधित भवन मालिकों ने निगम के नोटिसों का कोई जवाब तक नहीं दिया। अग्निशमन अनुभाग ने दोबारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इस पर भी कोई जवाब नहीं आया। अब निगम ने संबंधित विभाग नगर विकास न्यास, रीको, हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियों में नियम विरुद्ध बनी इमारतों की लिस्ट जारी कर कार्रवाई के लिए लिखा है। निगम की कॉलोनियों में निगम कार्रवाई करेगा।
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कार्रवाई के लिए लिखा
निगम ने फायर सेफ्टी उपकरणों के अलावा जीरो सेट बैक व निर्धारित मंजिलों की अनुमति के बावजूद ज्यादा मंजिलें बनाने का भी सर्वे किया था। इसमें अधिकांश बहुमंजिला इमारतें जीरो सेट बैक पर बनी हुई मिली। साथ ही, बिना अनुमति के बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दी गई। इसमें न्यास की कॉलोनियों में करीब 290 इमारतें, रीको क्षेत्र में करीब 50-60 इमारतों, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में एक व नगर निगम की कॉलोनी में करीब 150 इमारतों का निर्माण नियम विरुद्ध किया गया है।
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फायर सेफ्टी की जांच
अग्निशमन अधिकारी गौतम लाल ने बताया कि फायर विभाग बहुमंजिला इमारतों में फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर सकता है। जीरो सेट बैक, बिना अनुमति बहुमंजिला इमारतों के मालिकों के खिलाफ संबंधित विभाग ही कार्रवाई कर सकता है। फायर सेफ्टी उपकरणों की जिन इमारतों में कमी पाई गई या नहीं मिले, उन भवन मालिकों को फायर सेफ्टी उपकरण लगाने या कमी है तो पूरा करवाया जा रहा है।

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निगम ने चलाया था अभियान
सूरत में अग्निकांड के बाद नगर निगम की ओर से अग्निशमन यंत्रों की जांच के लिए अभियान चलाया गया था। इसमें हॉस्टल कोचिंग संस्थान, मल्टी स्टोरी व मॉल की जांच की गई थी। इसमें कई जगह तो अग्निशमन के उपकरण तक नहीं पाए गए थे। जहां उपकरण लगे थे वे अवधिपार पाए गए थे। लेकिन तीन दिन के बाद ही निगम ने अचानक अभियान बंद कर दिया था।

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