कॉलोनियों में एक से दो फीट पानी
उज्जवल विहार, मंशा नगर व अशोक विहार कॉलोनी में पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान नालों में आए उफान से काफी पानी भर गया। यहां नालियों नहीं होने व पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने से एक से दो फिट तक पानी भरा हुआ है। इस पानी में अब बदबू आने लग गई और लार्वा भी पनपने लगा है।
इनके घरों में आया मगरमच्छ
ये मगरमच्छ सड़कों पर भी आ जाते हैं। रविवार सुबह घर का चैनल गेट खोलने लगा तो सीढिय़ों पर मगरमच्छ था। पत्थर मार कर भगाया। सोमवार को भी घर के पास ही सड़क पर मगरमच्छ नजर आ गया।
राजेश नन्दवाना, उज्जवल विहार
दर्दनाक: मातम में बदली ईद की खुशियां, बेटियों के सिर से उठा पिता का साया, मां की चित्कार से कांप उठा कलेजा
कॉलोनी में भरे पानी की निकासी का रास्ता नहीं है। एक मगरमच्छ ने तीन-चार दिन पहले गाय पर हमला कर दिया था। जिससे गाय की मौत हो गई। एक मगरमच्छ तो श्वान को पकड़कर पानी में ले गया।
महेन्द्र राठौर, उज्जवल विहार
खेत पर जा रहे दो भाइयों को मारी गोली, फिर कुल्हाड़ी से फाड़ा सिर, बेटों को बचाने दौड़ी मां को भी लाठियों से पीटा
कॉलोनी में बारिश का पानी भरा होने से बीमारियां फैलने लगी हैं। रोड लाइटें बंद होने से शाम होते ही मगरमच्छों के डर से बाहर निकलना लोगों ने बंद कर दिया। घरों में बोरिंग का पानी बदबूदार आने लगा है।
कैलाश बाई, मंशा नगर
अफसर दफ्तर से बाहर नहीं निकलते। मगरमच्छों के लिए वन विभाग व निगम की टीम को कई बार सूचना दी। निगम या यूआईटी को इन कॉलोनियों में पानी नहीं भरे इसके लिए बड़े नाले का निर्माण कराना चाहिए।
रामचरण बंजारा, अशोक विहार
राणा प्रताप बांध पर एक तरफ 7 फीट लंबा अजगर तो दूसरी तरफ 8 फीट का मगरमच्छ और बीच में फंस गए सुरक्षाकर्मी, फिर हुआ ये
विधायक-पार्षद पर फूटा गुस्सापत्रिका टीम ने इन कॉलोनियों के लोगों से बात की। समस्याओं को लेकर नगर निगम, स्थानीय विधायक व पार्षद पर गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने बताया कि विधायक बोट मांगने आई थीं, इसके बाद आज तक लोगों के दुख दर्द पूछने तक नहीं आई। स्थानीय वार्ड पार्षद से नालियों के निर्माण या इन तीनों कॉलोनियों के लिए बड़ा नाला बनाने की बात कही, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनियों में भरे पानी में करीब एक दर्जन मगरमच्छ हैं। लोगों ने दो बड़े व छोटे मगरमच्छ देखे हैं। मगरमच्छ पानी से निकलकर सड़क पर आ जाते हैं। यहीं नहीं घरों की दहलीज तक जा पहुंचते हैं। सड़कों पर जब ज्यादा पानी था तब बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। बच्चों को बाहर खेलने तक नहीं देते। रात में रोड लाइटें बंद होने से कोई बाहर नहीं निकलता। लोगों ने बताया कि मगरमच्छों ने एक श्वान व गाय को अपना शिकार बना डाला।
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फैलने लगीं बीमारियांमंशा नगर के लोगों ने बताया कि कॉलोनी में भरे पानी में लार्वा पनपने लग गया है। इसी पानी के बीच से लोग पैदल गुजरते हैं। कई लोगों ने खुजली, फोड़े-फुंसी व बुखार जैसी शिकायतें की हैं। लोग बीमार हो रहे हैं।
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मगरमच्छ पकडऩे के लिए वन विभाग की टीम गठित है। यह कहना गलत है कि टीम मगरमच्छ पकडऩे नहीं जाती। कई बार एक साथ एक से अधिक जगह से सूचनाएं मिलती है तो समस्या आती है। मगरमच्छों को अब करीब 60 किलोमीटर दूरी पर छोडऩे जाते हैं, इसमें समय लगता है। इस बीच कोई दूसरी सूचना आ जाती है तो थोड़ी दिक्कत रहती है।
तरुण मेहरा
सहायक वन संरक्षक, वन विभाग