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1995 Delhi Blast: 30 साल बाद भी कोटा के रामगोपाल नहीं भूल पाए धमाकों की वो दहशत, जिस्म पर अब भी है छर्रों के निशान

Delhi Blast 2025: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके ने कोटा के रामगोपाल शर्मा की 1995 के सीरियल बम ब्लास्ट की दर्दनाक यादें ताजा कर दीं। उस हादसे में घायल हुए शर्मा के शरीर पर आज भी छर्रों के निशान हैं।

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कोटा

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Akshita Deora

Nov 11, 2025

Kota Resident In 1995 Serial Bomb Blast: नई दिल्ली में सोमवार शाम लाल किले के पास हुए बम धमाके से पूरा देश दहल गया। कोटा निवासी सहकारिता विभाग से सेवानिवृत्त निरीक्षक रामगोपाल शर्मा नई दिल्ली में इसी लाल किले के सामने 25 सितंबर 1995 को हुए सीरियल बम धमाके घायल हो गए थे। सोमवार को हुई घटना के बाद शर्मा को फिर वह खौफनाक मंजर याद आ गया। शर्मा का कहना है कि वह दिन याद कर आज भी रूह कांप उठती है।

आज फिर दिल्लीवासियों के हिस्से में ये दर्दनाक क्षण आए हैं। उन्होंने बताया 12 छर्रे मेरी पीठ और पैरों में लगने से सड़क पर गिर गया था। मेरे पास तीन लोग और भी गिरे पड़े थे। अंधेरा होने से कुछ देर बाद पुलिस की सफेद रंग की जिप्सी आई और हम चारों को जिप्सी में पीछे डालकर हॉस्पिटल में ले गई। दो लोगों के शरीर में कोई हलचल नहीं दिख रही थी। अस्पताल में काफी भीड़ थी।

टीवी में देखकर ही मेरी पत्नी और साला तत्काल रात एक बजे कोटा से जनता एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सुबह सीधे अस्पताल पहुंचे और फिर कोटा घर ले आए। आज भी मेरे शरीर में छर्रों के निशान हैं। उस समय मैं अपने बच्चों के कान की मशीन चांदनी चौक में ठीक कराने गया था। शाम को अंधेरा होते ही मैं जब चांदनी चौक से लाल किले की की तरफ सड़क पार कर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के लिए बस पकड़ने जा रहा था, तब ही स्कूटर में तेज ब्लास्ट हुआ।

लगा ऐसा जैसे गाड़ी की बैटरी में ब्लास्ट हुआ हो…

कोचिंग सिटी के दादाबाड़ी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जैन आदिनाथ के पुत्र पाक्षिक जैन दिल्ली में हुई दिल दहला देने वाली घटना के दौरान लाल किले के सामने स्थित लाल दिगंबर जैन मंदिर में मौजूद थे। पाक्षिक ने बताया कि मंदिर में काफी संख्या में लोग दर्शन कर रहे थे तब ही तेज धमाका हुआ। ऐसा लगा जैसे गाड़ी की बैटरी में ब्लास्ट हुआ हो। बाहर आकर देखा तो हालात विकट थे। पता चला कि बम ब्लास्ट हुआ है तो रूह कांप उठी। पैरों तले जमीन खिसक गई। चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी, लोग इधर उधर भाग रहे थे।

देखते ही देखते हाई अलर्ट हो गया। पुलिस वालों ने जो जहां था, वहीं रोक दिया। कुछ देर बाद उन्हेें सुरक्षित निकाला। पाक्षिक ने बताया कि कार के परखच्चे उड़ गए। कार के कई अवशेष मंदिर से आकर भी टकराए। पाक्षिक ने परिवार के ग्रुप में घटना की जानकारी दी तो परिवारजन भी घबरा गए। बेटे की कुशलक्षेम पूछी। बात होने पर परिवार जनों की जान में जान आई। पाक्षिक ने बताया कि भगवान की कृपा से वह सुरक्षित है। मनोज जैन ने बताया कि बेटा गुरुग्राम में रहता है और अक्सर दर्शन करने दिल्ली जाता रहता है।