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हाथ धोकर पीछे पड़ा है डेंगू, एक बार तो बच निकले, जानिए अब दोबारा कैसे बचें

कोटा. शहर में डेंगू मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। रिकवरी पीरियड में डेंगू मरीज पर दोबारा हमला कर खतरनाक हो रहा है।

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कोटा

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abhishek jain

Oct 22, 2017

Dengue Epidemic in Kota

कोटा . शहर में डेंगू मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। रिकवरी पीरियड में डेंगू मरीज पर दोबारा हमला कर खतरनाक हो रहा है। इन दिनों डेंगू के कई रोगी दोबारा अस्पतालों में पहुंच रहे है। शहर के अस्पतालों में प्रतिदिन एक दर्जन केस सामने आए रहे हैं।

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तलवंडी स्थित निजी अस्पताल के संचालक डॉ. आर.के. अग्रवाल ने बताया कि अमूमन, डेंगू जुलाई से नवम्बर तक असर रहता है, लेकिन इस बार अप्रेल में ही डेंगू ने दस्तक दी। दीपावली के बाद इसका असर कम हो जाता है। डेंगू का अब जाने का समय आ गया है। जाते-जाते डेंगू दोबारा मरीजों पर प्रभाव डाल रहा है। सैकण्ड एंड डेंगू खतरनाक साबित हो रहा है। इससे मरीज के सभी अंगों पर प्रभाव पड़ रहा है।

पहले चरण में डेंगू पीडि़त ठीक हो जाता है, लेकिन शरीर में वायरस रहते है। मरीज कुछ समय के लिए ठीक तो महसूस करता है, लेकिन वह वापस लौटकर आता है। इसमें मरीज संभल भी नहीं पा रहा है। इन दिनों एक दर्जन मामले रोज सामने आ रहे हैं।

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डॉ. मनोज सलूजा ने बताया कि नए अस्पताल में भी सैकण्ड एंड डेंगू के असर के रोगी सामने आए हैं। इससे शरीर में कोशिकाओं की प्रतिरोधी क्षमता व एंटी बॉडी पर असर पड़ता है। इसके इंफेक्शन से लीवर, किडनी व अन्य अंगों पर असर पड़ता है।

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प्लेटलेट्स कम होने से न घबराएं
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने की मरीज घबरा जाते है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। 8 से 10 हजार प्लेटलेट्स वाला मरीज भी कवर कर लेता है। तेज ब्लीडिंग, पीलिया व ब्लडप्रेशर में ही दिक्कत आती है। इसलिए मरीज समय पर उपचार व दवाइयां लें। चिकित्सक के सम्पर्क में रहें।