
रामनारायण मीणा हलधर के गजल संग्रह "अभी उम्मीद बाक़ी है" का विमोचन
कोटा . गजल को हिंदी या उर्दू के तराजू में न तोलकर मानवीय संवेदनाओं, अनुभूतियों की गहनता और विचारों की उत्कृष्टा के आधार पर मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इस कसौटी पर हलधर की गजलें बखूबी उतरती हैं। हलधर ने अपनी गजलों में किशोरावस्था की स्मृतियों, अभावों और ग्रामीण जनजीवन को नवीन उपमाओं से सजाकर ताजगी के साथ स्वर दिया है। यह बात मुख्य अतिथि एवं वरिष्ठ गजलकार गोपाल गर्ग ने रामनारायण हलधर के गजल संग्रह 'अभी उम्मीद बाकी है' के विमोचन समारोह में कही।
रविवार को बसंत विहार स्थित माहेश्वरी भवन सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता साहित्यकार अम्बिका दत्त ने कहा कि हलधर की गजलें विचारों की एक खिड़कियां खोलती हैं, जिनसे दूर तक के नजारे दिखाई देते हैं। उनकी गजलों में बहुत से ऐसे शब्द और मुहावरे देखने को मिलते हैं, जो अब हमारी भाषा और व्यवहार से विलुप्त होते जा रहे हैं।
कवि रामेश्वर शर्मा रामू भैया के कहा कि ये ग़ज़ल की किताब मात्र नहीं है बल्कि भविष्य में हलधर, इस देश के साहित्य में कितना बड़ा उत्कृष्ट योगदान देने जा रहे हैं इस बात प्रमाण और अभिलेख है। डॉ. अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि हलधर ने अपने वरिष्ठ और नामी ग़ज़लकारों को खूब पढ़ा है। उनकी रचनाओं में अनुभव और स्वाध्याय का समुचित सामंजस्य दिखाई देता है। हलधर की रचनाओं में समसामयिकता व ताज़गी है।
कृतिकार राम नारायण हलधर ने कहा कि इस संग्रह में 25 सालों के दौरान लिखी हुई गज़लें हैं। कविता स्वत:स्फूर्त होती है जब वह उतरती है तब उसे रोका नहीं जा सकता। उन्होंने अपनी ग़ज़लों के कुछ अंश भी सुनाये - ‘फोन करके कभी पूछ ले,गाँव का हाल कैसा हुआ/ अपनी सरसों उगी के नहीं ,खाद पानी का क्या क्या हुआ/आम के पेड़ अबके बरस ,मंजरी से लदे कि नहीं ,गाय रीति रही या फली ,उसके बछड़ी या बछड़ा हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार बशीर अहमद मयूख ने शाल ओढ़ाकर हलधर का सम्मान किया।
विशिष्ट अतिथि नगर विकास न्यास के पूर्व सचिव आर.डी. मीणा, आकाशवाणी कोटा के केन्द्राध्यक्ष दिनेश प्रकाश गोस्वामी, नागरिक सहकारी बैंक कोटा के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला, गजल गायक डॉ. रोशन भारती, कवि दुर्गादान सिंह गौड़ और शायर चांद शेरी भी मंच पर उपस्थित रहे। संयोजक कवि राजेंद्र पंवार ने बताया कि कार्यक्रम का संलन चापाल सोनी ने किया। गीता मीणा ने आभार जताया।
गजल गायन ने मन मोहा
समारोह में गायक सुरेन्द्र राव एवं कृष्णा विजयवर्गीय ने विमोचित कृति से "आज नहीं तो कल कर लेंगे, हर मुश्किल को हल कर लेंगे" समेत चुनिंदा गजलों की सुमधुर प्रस्तुति दी।
Published on:
23 Oct 2017 07:59 pm
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