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World Heritage Day: यहां दफन है हजारों साल पुराने साम्राज्य का रहस्य, जमीन के नीचे बसा है शहर

locationकोटाPublished: Apr 18, 2019 11:17:59 am

Submitted by:

​Zuber Khan

कहते हैं कि आवां की बसावट देखकर लगता है कि जमीन के नीचे पुराना शहर सोया हुआ है। जिसका पुरातात्विक महत्व बहुत ज्यादा होगा।

World Heritage Day

World Heritage Day: यहां दफन है हजारों साल पुराने साम्राज्य का रहस्य, जमीन के नीचे बसा है शहर

कोटा. Queen Popa bai का रावला यानी आवां। जहां सात किमी के दायरे में फैले टीलों में उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक के सबसे समृद्ध साम्राज्य का mysteries आज भी दफन है। यह साम्राज्य 21वीं सदी में भी अराजकता का पर्याय ही बन गया। आज भी यहां खड़े होने पर ऐसा महसूस होता है कि जमीन के नीचे कोई बरसों पुराना शहर बसा हो। इतिहासकार प्रो. जगतनारायण कहते हैं कि आवां की बसावट देखकर लगता है कि जमीन के नीचे पुराना शहर सोया हुआ है। जिसका पुरातात्विक महत्व बहुत ज्यादा होगा। अक्सर खुदाई में प्राचीन सभ्यता के साक्ष्य ग्रामीणों को मिलते रहते हैं। इसलिए यहां मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की तरह खुदाई कर इतिहास उजागर करना चाहिए।
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यह है तबाही की वजह
डॉ. आहूजा के मुताबिक, पास में बह रही नदी प्राचीन समृद्ध साम्राज्य की तबाही की वजह रही होगी। कालांतर में उसी जगह दूसरे राज्य बसे हों और अंत में किसी पोपाबाई नाम की महिला का राज आया होगा। जहां शासन व्यवस्था इतनी अराजक होगी कि लोगों को कुछ भी करने की छूट दे दी गई हो। कर्नल जेम्स टॉड ( Colonel James Tod ) ने आवां में पोपाबाई के राज्य का उल्लेख भी किया है।
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शिव विवाह और कल्कि अवतार
डॉ. आहूजा बताती हैं कि सोमनाथ के केशव मंदिर जैसा ही त्रिगर्भगृह युक्त मंदिर आवां के सबसे बड़े मंदिर में देखने को मिलता है। इसी से यहां की प्राचीनता का अंदाज लगाया जा सकता है। तीन देवकुलिकाओं वाला यह मंदिर सूर्य, गणेश और योगनारायण को समर्पित है। यहीं विष्णु के दशवें अवतार भगवान कल्कि की प्रतिमा स्थापित थी, जो खंडहर में टूटी पड़ी है।
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इसी के पास स्थापित एक और सूर्य मंदिर की दीवारों पर दुर्लभ कल्याण सुंदरम् प्रतिमा का अंकन है। जिसमें शिव पार्वती का पाणिग्रहण करते हुए चित्रित किए गए हैं।ब्रह्मा बीच में खड़े हैं। इसी के पास सहस्त्रबाहु मंदिर है। जिसे ग्रामीण सास-बहू का मंदिर भी कहते हैं। इसके करीब आठ से दस फुट गहराई में समाया महाकालेश्वर मंदिर आवां की प्राचीनता का जीता जागता प्रमाण है। बड़ी बात यह है कि सभी मंदिरों की प्रतिमाएं गायब हैं।
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