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सख्ती बढ़ी, कीमत चढ़ी
संजय नगर पुलिया के नीचे बजरी का कारोबार करने वाले शख्स ने बताया कि तीन साल पहले कोटा में बजरी की कीमतें 24-25 रुपए फुट थी, लेकिन पहले सरकार की सख्ती और फिर नोटबंदी की मार के चलते करीब छह महीने तक कारोबार पूरी तरह ठप रहा। इसके बाद खुला तो कीमतें सीधे 50 से 60 रुपए फुट जा पहुंची। हालिया विधानसभा चुनाव से पहले तक कीमतें 45 से 50 रुपए के बीच थी, लेकिन नई सरकार में सख्ती घटने से 32 से 35 रुपए फुट आ गई हैं।
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एक ट्रक बजरी की कीमत 30 हजार
अक्टूबर 2016… बजरी के खनन पर खास रोक टोक नहीं होने के कारण इसकी कीमतें करीब 24-25 रुपए फुट थी। बंधी के बजाय रास्ते में मिलने वाले पुलिस और परिवहन जाप्ते की जेबें ही गर्म करने से काम चल जाता था। इसके चलते बनास की बजरी से भरा एक दस पहिए वाला ट्रक कोटा में रहने वाले को 30 हजार रुपए तक बड़ी आसानी से मिल जाता था।
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पुलिस और आरटीओ जाब्ते की बंधी
नवम्बर 2016… के बाद बजरी का खनन करीब छह महीने तक बंद रहा। इस दौरान अवैध खनन पर जमकर सख्ती हुई तो खनन माफियाओं ने बूंदी से लेकर कोटा जिले तक रास्ते में पडऩे वाले हर थाने और आरटीओ के जाप्ते की बंधी बांध धंधे में नरमी लाने की कोशिश की। नतीजन बजरी के दाम दोगुने से भी ज्यादा हो गए। 30 हजार रुपए का ट्रक 65 हजार रुपए तक की कीमत छू गया, लेकिन धंधा बदस्तूर जारी रहा।