…और 42 हजार रुपए हो गई एक ट्रक बजरी की कीमत
दिसंबर 2018… तक अवैध बजरी के खिलाफ जमकर सख्ती हुई। इस दौरान बजरी के दाम भी आसमान पर टिके रहे, लेकिन विधानसभा चुनावों के बाद ऐसी ढ़ील हुई कि पुलिस और परिवहन विभाग ने खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई तकरीबन बंद कर दी। नतीजन, बजरी के दाम 65-70 हजार रुपए ट्रक से गिरकर अब करीब 42 हजार रुपए ट्रक पर आ गए।
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साख बचाने में जुटी पुलिस
अवैध खनन में बंधी की आग पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गई। हाल ही अपराध समीक्षा बैठक लेने पुलिस मुख्यालय पहुंचे सीएम अशोक गहलोत के सामने खुद एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने न सिर्फ बजरी के अवैध खनन के चलते पुलिस और प्रशासन में बढ़ रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, बल्कि इसे खत्म कर लोगों की सहूलियत बढ़ाने के लिए खनन को वैधता देने की सिफारिश तक की। यदि मुख्यमंत्री ने इस सिफारिश को माना तो कोटा में ही बजरी के दाम सीधे तौर पर 25 हजार रुपए तक कम हो सकते हैं। ऊपर से तीन महकमों में फैला भ्रष्टाचार भी एक झटके में खत्म हो जाएगा।
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मंडियों की भी कीमत तय
कोटा पहुंची अवैध बजरी चम्बल गार्डन के पास, संजय नगर पुलिया, गोबरिया बावड़ी, टीवीएस सर्किल, बोरखेड़ा और कुन्हाड़ी आदि इलाके में खुलेआम मंडियां लगाकर बेची जाती है। हालांकि 1500 से 1700 फुट बजरी लेकर ट्रेलर पहले अवैध गोदामों पर खाली होते हैं। इसके बाद उन्हें ट्रालियों से मंडियों में भेजा जाता है। शहर में खुलेआम सजने वाली बजरी की इन अवैध मंडियों को लगाने की एवज में भी पुलिस की जेब गर्म करनी पड़ती है।