सड़क पर मौत बनकर दौड़ रहे बजरी से भरे वाहन, 25 टन डंपर में 65 टन बजरी और नंबर प्लेट भी फर्जी
खनन माफिया अब शहर के बाहरी इलाकों के खेतों और प्लॉटों में चम्बल ( Chambal River ) और बनास ( Banas river ) से अवैध खनन कर लाई गई बजरी का स्टॉक करने में जुटे हैं। जहां से वह ट्रैक्टरों और दूसरे साधनों से बजरी को शहरी इलाके में सप्लाई कर रहे हैं। बड़ी कार्रवाई करने के चक्कर में पुलिस और परिवहन विभाग के अफसरों की नजरों से टै्रक्टर ट्रॉलियां बचकर निकल जा रही हैं। इतना ही नहीं टै्रक्टर चालक इतने चालाक हैं कि वह शहर के प्रमुख चौराहों या रास्तों से गुजरने के बजाय चोर गलियों से होकर तय ठिकाने तक माल पहुंचा रहे हैं।दो जिलों की सीमा पार कराने को बजरी माफिया चढ़ाते हैं पुलिस को 30 हजार का चढ़ावा, फिर कोटा में दाखिल होते 80 ट्रक
यहां हो रही स्टॉक
चम्बल और बनास से अवैध खनन कर कोटा लाई जा रही बजरी को बंधा धर्मपुरा, आंवली रोझड़ी, बडग़ांव, अनन्तपुरा कच्ची बस्ती, सुभाष नगर शमशान घाट के पास और बोरखेड़ा इलाकों में इक_ा किया जा रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इटावा के ग्राम रामपुरिया से बागली रोड नहर के पास, ठीकरदा वाले रास्ते पर और खातौली क्षेत्र स्थित नीमोला में तेजाजी के स्थान पर भी अवैध खनन कर लाई जा रही बजरी का स्टॉक किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में पुलिस इसे पूरी तरह से नजरअंदाज करने में जुटी है। BIG News: कोटा में एक ट्रक बजरी की कीमत 42 हजार, पुलिस की वसूली खत्म हो तो गिर जाएं 25 हजार तक दाम
जिला प्रमुख ने की शिकायत
जिला प्रमुख सुरेन्द्र गुर्जर ने खान मंत्री प्रमोद जैन भाया को पत्र लिखकर शहर के बाहरी इलाकों और ग्रामीण क्षेत्र में अवैध स्टॉक की जानकारी देते हुए खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि खान विभाग के एपीओ हो चुके अफसरों से भी उन्होंने कई बार शिकायत की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं अभी तक नए अफसरों के न आने की वजह से सीधे मंत्री से शिकायत कर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
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बजरी की हो नीलामी
जिला प्रमुख ने खान मंत्री को पत्र लिखकर पुलिस एवं परिवहन विभाग की संयुक्त कार्यवाही के बाद जब्त किए गए वाहनों में भरी अवैध बजरी को खाली करवा कर उसकी नीलामी कराने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिस और खान विभाग के अफसर जब्त किए गए वाहनों के साथ ही उनमें भरी बजरी भी छोड़ रहे हैं। ऐसा करने से पूरी कार्रवाई ही बेकार हो जाती है। ऊपर से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की चपत लग रही है सो अलग। जबकि नियमानुसार जब्त किए गए वाहनों से बजरी उतार कर ही उन्हें रिलीज किया जा सकता है।