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खुलासा: कोटा की चारों यूनिवर्सिटी ने गोद लिए 12 गांवों के साथ किया विश्वासघात, राज्यपाल के आदेश भी हवा में उड़ाए

locationकोटाPublished: Apr 03, 2019 12:48:43 pm

Submitted by:

​Zuber Khan

गोद लिए गांवों में विकास कार्य तो दूर विश्वविद्यालय उसका खाका तक नहीं खींच पा रहे। हर माह का एक्शन प्लान बनाकर उसे ग्राम पंचायत से स्वीकृत तक नहीं करवा पाए।

kota Univarsity

ACB lodged FIR in case Of kota university appointments fraud

कोटा. गोद लिए गांवों में विकास कार्य तो दूर विश्वविद्यालय उसका खाका तक नहीं खींच पा रहे। हर माह का एक्शन प्लान बनाकर उसे ग्राम पंचायत से स्वीकृति तो दूर स्मार्ट विलेज इनीसिएटिव कॉर्डिनेशन कमेटी की मासिक बैठक तक नहीं कराई जा रहीं। राजभवन ने रिपोर्ट जारी की तो हकीकत सामने आई।
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गांवों को स्मार्ट बनाने की बात तो दूर उन्हें गोद लेने वाले विश्वविद्यालय कागजी कार्रवाई तक पूरी नहीं कर रहे। इसका खुलासा राजभवन की ओर से जारी नवंबर 2018 और जनवरी 2019 की समीक्षा रिपोर्ट में हुआ। स्मार्ट विलेज इनीसिएटिव गाइड लाइन के मुताबिक कुलपति की अध्यक्षता में स्मार्ट विलेज नोडल अधिकारी, कलक्टर और पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधियों और सभी सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों की सदस्यता में एक कॉर्डिनेशन कमेटी गठित कर राज्यपाल ने हर महीने बैठक कराने के आदेश दिए थे, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक आरटीयू, कोटा विवि और कृषि विश्वविद्यालय ने नवंबर और जनवरी दोनों माह में बैठक नहीं कराई। सिर्फ वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (वीएमओयू) ने नवंबर में बैठक कराई, लेकिन जनवरी में यहां भी बैठक नहीं हुई।
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कार्य योजना तक तैयार नहीं
गोद लिए गांवों में कराए जा रहे कामों की विश्वविद्यालयों को चेक लिस्ट बनाकर राजभवन भेजनी होती है। नवंबर में किसी भी विवि ने चेक लिस्ट राजभवन भेजी ही नहीं। वहीं जनवरी में भी सिर्फ वीएमओयू ने ही चेक लिस्ट भेजने की जहमत उठाई। कार्य योजना तैयार करने, उसे ग्राम पंचायतों से स्वीकृत कराने और कलक्टर एवं संबंधित सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रजेंटेशन देने की भी फुर्सत कोटा विवि और आरटीयू के अफसरों को नहीं मिली। जबकि कृषि विवि और वीएमओयू ने जनवरी में जरूर यह काम पूरा किया।
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काम में भी रहे फिसड्डी
राजभवन ने स्मार्ट विलेज इनीसिएटिव को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हर महीने एक विशेष गतिविधि आयोजित करने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को सौंपी थी। जुलाई में पौधारोपण, अगस्त में कंप्यूटर साक्षरता, सितंबर में स्किल डवलपमेंट, अक्टूबर में स्वच्छ भारत मिशन, नवंबर में सीनियर सिटीजन कैंप, दिसंबर में हैल्थ कैंप और जनवरी में एडल्ट लिटरेसी प्रोग्राम चला कर उसकी रिपोर्ट राजभवन को भेजी जानी थी। सिर्फ वीएमओयू ने ही इन सातों महीनों में गोद लिए गांव में निर्धारित कार्यक्रम आयोजित करा उनकी रिपोर्ट राजभवन को भेजी। वहीं कृषि विवि ने तो एक भी महीने की रिपोर्ट राजभवन को नहीं भेजी।
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