
कोटा . 'तुम हो फिर सांपों के तन पर चंदन क्यों है मोदीजी, तुम हो फिर महबूबा से गठबंधन क्यों है मोदीजी, तुम हो फिर भी धारा 370 क्यों है मोदीजी..... मंच पर आते ही कुछ इसी तरह से हास्य कवि सुरेश अलबेला ने प्रधानमंत्री को लेकर अपने मन की बात कही तो माहौल मस्तीभरा हो गया।
मौका था कॉमर्स कॉलेज में मंगलवार को हास्य कवि सम्मेलन व वार्षिक उत्सव समारोह का। अलबेला यहीं नहीं रुके। चुटकले, व्यंग्य व कविताओं की बौछार कर दी। स्टूडेंट्स जमकर ठहाके लगाते नजर आए। बीच-बीच में भारत माता के जयकारे गूजते रहे। अलबेला ने वर्तमान राजनीति, देश के हालात, आतंकवाद, सामाजिक बुराइयों पर भी जमकर कटाक्ष किए। अलबेला ने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी से आमजन को कोई नुकसान नहीं है, इससे देश को विकास की गति मिलेगी। उन्होंने स्टूडेंट्स को जीवन में तनाव रहित रहने की सलाह दी।
स्थानीय कवि अजिंकया सहाय ने यह जो समझते हो तुम खुद को इमारत ए ताजमहल , मालूम हो जाएगी असलियत आधार कार्ड बनवा कर तो देख, द्वितीय स्थानीय कवि रूपेश प्रजापति ने और नहीं ख्वाहिश उस कुदरत के महानायक से, आसाराम को दे डाली वैसी जवानी दे देना प्रस्तुति दी। छात्रसंघ अध्यक्ष विशाल मेवाड़ा ने बताया कि मुख्य अतिथि दीपक राजवंशी एवं मुख्य कवि सुरेश अलबेला की पत्नी सुप्रिया को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मेरा दिल कॉलेज में बसता
कार्यक्रम के दौरान अलबेला ने कहा कि वे तीसरी बार कॉमर्स कॉलेज आए हैं। कॉलेज की स्टूडेंट्स लाइफ अलग होती है। उनका दिल कॉलेज में ही बसता है। स्टूडेंट्स जब भी बुलाएंगे वे जरूर आएंगे।
Updated on:
31 Jan 2018 07:08 pm
Published on:
31 Jan 2018 06:35 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
