कोटा उत्तर विधानसभा के 225 बूथों में से 165 बूथों पर भाजपा आगे रही। 60 बूथों पर ही कांग्रेस आगे रही। वहीं पीपल्दा विधानसभा के 242 बूथ में से 140 से ज्यादा बूथों पर भाजपा आगे रही। इन दोनों जगह पर कांग्रेस के विधायक हैं। कोटा उत्तर से कांग्रेस के विधायक शांति धारीवाल अभी स्वायत्त शासन मंत्री हैं। उन्होंने भी पार्टी को जिताने में पूरी ताकत लगाई। वहीं यहां से पूर्व विधायक रहे भाजपा के प्रहलाद गुंजल और उनके कुछ कार्यकर्ताओं ने भी पूरी जोर शोर से अपनी ही पार्टी की बगावत की। इसके बाद भी बिरला की उत्तर से बड़ी जीत हुई।
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राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व विधायक की मतदाताओं ने नहीं सुनी और भाजपा के पक्ष में मतदान किया। कोटा उत्तर विधानसभा में वैद्य मतों की संख्या 1 लाख 63 हजार 625 रही। इनमें से 87 हजार 93 मत ओम बिरला को मिले और कांग्रेस प्रत्याशी को 74 हजार 105 वोट मिले। खास बात यह रही कि मतदान केन्द्र संख्या-11 पर कांग्रेस और भाजपा को 390-390 बराबर वोट मिले। कोटा दक्षिण के 212 बूथों में से केवल 28 बूथों पर ही कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी से ज्यादा वोट मिले।
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रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र में 250 बूथों में से केवल 19 बूथों पर ही कांग्रेस आगे रही। यहां धर्मपुरा गांव के बूथ पर भी भाजपा आगे रही। यहां भाजपा को 205 और कांगे्रस को 76 वोट मिले। यह पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल का गांव है। जबकि गुंजल का परिवार बिरला के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटा हुआ था। इसके वीडियो भी वायरल हुए। वहीं पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र में 242 बूथों में से करीब 97 बूथों पर कांग्रेस आगे रही। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीना खुद विधायक हैं।