बस जूते व हेलमेट अग्निशमन कार्यालय में करीब 19 फायरमैन स्थाई रूप से कार्यरत हैं। जबकि आठ कर्मचारी अनुबंध पर हैं। इन कर्मचारियों के पास आग लगनी जैसी बड़ी घटनाओं के हिसाब से यूनिफार्म तक नहीं हैं। नियम-कायदों की खानापूर्ति के लिए केवल जूते व हेलमेट की ही व्यवस्था है।
कार्यक्षेत्र काफी ज्यादा अग्निशमन कार्यालय में 15 हजार लीटर की दो व एक गाड़ी 500 लीटर फॉम की है। इन गाडिय़ों के सहारे फायरमैन पीलीबंगा, रावतसर, संगरिया, टिब्बी, गोलूवाला व आसपास के सभी गावों में आग बुझाने जाते हैं। इन हालात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आग लगने की घटनाओं के दौरान कर्मचारियों को कितनी मशक्कत करनी पड़ती होगी। आंकड़ों के अनुसार गत एक माह में अब तक 25 जगह आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं।
बिजली गुल तो क्या हो अगर बिजली गुल हो और उसी समय शहर में या जिले के किसी अन्य स्थान पर आग लग जाए तो उसे बुझाने के लिए दमकल समय पर नहीं पहुंच पाएगी। क्योंकि बिजली गुल होने की स्थिति में गाडिय़ों में पानी भरने के लिए दमकल विभाग के पास जेनरेटर की व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में बिजली की प्रतीक्षा के अलावा कोई चारा नहीं होता। तब तक भले ही कितना नुकसान हो जाए। इस कमी को दूर करने के लिए आज तक किसी अधिकारी ने प्रयास नहीं किया। दमकल कार्यालय में दो सबमर्सिबल पंप लगे हैं। इनसे दमकल की गाडिय़ों में पानी भरा जाता है।
पानी की व्यवस्था नहीं जंक्शन या आसपास के इलाके में आग लगी हो तो पानी भरने के लिए टाउन कार्यालय में ही आना पड़ता है। शहर व आसपास के इलाके में पानी भरने का अन्य कोई विकल्प नहीं है।
अशोक कुमार, दमकल प्रभारी। जल्द कराएंगे मुहैया दमकल कार्यालय में जनरेटर व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं। परिषद की अगली बैठक में प्रस्ताव लेकर सभी साधन-संसाधन उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे।
राजकुमार हिसारिया, सभापति, नगर परिषद।