देश की रक्षा में बेटे ने दे दी प्राणों की आहूति, पिता के मन थी ये टीस तो बोली मन की बात....
शहीद हेमराज के पिता हुए भावुक : कहा हालातों ने मुझे सेना में जाने से रोका, बेटे ने पूरी की ख्वाहिश

कोटा. पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूत हेमराज मीणा के पिता हरदयाल मीणा भी सेना में जाना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के चलते नहीं जा पाए। उसके बाद उनके पुत्र हेमराज बड़े हुए तो अपने मन की बात उन्हें बताई। इसके बाद बेटे के मन में सीआरपीएफ में जाने में इच्छा हुई तो हरदयाल ने खुशी-खुशी भेज दिया।
Read more : हमारे कोटा जंक्शन पर जगमगाती दिखेंगी राजस्थानी धरोहर....
उसकी इच्छा जानकर खुशी भी हुई कि उसने भौतिक सुख-सुविधाओं को छोड़कर भारत माता की रक्षा के लिए सुरक्षा बल में भर्ती होने की पहल की। शहीद के पिता ने शनिवार को पत्रिका से बातचीत में भावुक होते हुए बताया कि वे भी एनसीसी में रहे हैं, इसलिए सेना में जाने की ख्वाहिश थी, जो पूरी नहीं हो पाई, लेकिन बेटे हेमराज ने उनकी इच्छा पूरी की। अब उनका पोता भी फौज में जाएगा। वे इसकी तैयारी करवाएंगे और शहीद हेमराज की वीरांगना भी अपने बेटे को फौज में भेजने के लिए सहमत हैं। पोते के १८ साल का होते ही सेना में भेजेंगे। उनके पास शहीद के पुत्र को सीआरपीएफ में भी भेजने का विकल्प खुला हुआ है।
Read more : गोपालन मंत्री भाया बोले, गौ शालाओं के सुदृढ़ीकरण तथा विकास की बनेंगी नीतियां...
जब भी गांव आता, हालात बताता
उन्होंने बेटे की यादों को संजोते हुए भारी मन से कहा, बेटा हेमराज जब भी गांव आता तो जम्मू कश्मीर के हालातों पर चर्चा करता था। खासतौर से पत्थरबाजों पर चर्चा होती ही थी, बेटा कहता उनके हाथ बंधे हुए हैं, इसलिए पत्थरबाजों पर सेना वार नहीं करती।
बदले की कार्रवाई से मिली खुशी
पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना की ओर से की गई कार्रवाई पर खुशी जताते हुए हरदयाल मीणा ने कहा, सरकार ने यह कदम सही उठाया। दुश्मन को उसी की भाषा में सबक सिखाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, भारत सरकार को चाहिए कि देश की सुरक्षा में तैनात सेना को दुश्मन को सबक सिखाने की खुली छूट हमेशा देनी चाहिए।
दु:ख है, पर गर्व भी
Read more : पक्षियों से आबाद हमारा किशोर सागर...,मगरमच्छों ने भी जमाया डेरा...
हरदयाल मीणा ने कहा, उन्हें इसका दु:ख है कि आतंकवादियों ने धोखे से कायरना हरकत कर हमला किया और इसमें उन्होंने बेटा खो दिया। इसके साथ इस बात पर गर्व भी है कि देश की रक्षा में बेटे ने प्राणों की आहूति दी है। आज पूरे देश में विनोद कलां गांव की चर्चा है।
अब पाइए अपने शहर ( Kota News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज