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BIG News: 61 हजार रुपए के लिए सरकार ने कोटा के 12 लाख लोगों की जिंदगी डाल दी खतरे में

locationकोटाPublished: Apr 09, 2019 10:53:06 am

Submitted by:

​Zuber Khan

तीन दिन से कोटावासी मच्छरों के आतंक से जूझ रहे हैं और नगर निगम कैमिकल खत्म होने का हवाला देकर हाथ पर हाथ रख बैठा है।

Mosquito outbreak in kota

देख लो कोटावासियों, चंद रुपयों की खातिर आपकी जिंदगी से कैसे खेल रहा नगर निगम

कोटा. कोटावासियों के साथ नगर निगम सौतेला व्यवहार कर रहा है। लोगों से यूडी टैक्स के रूप में मोटी रकम वसूलने के बावजूद उनके स्वास्थ्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरत रहा है। निगम न तो शहर को साफ रख पा रहा है और न ही खतरनाक बीमारियों के जनक मच्छरों के आतंक से निजात दिला पा रहा। हालात यह है कि डेंगू-मलेरिया से लोगों की जान जा रही है फिर भी निगम फोगिंग में इस्तेमाल कैमिकल खरीद नहीं रहा। जबकि पिछले सप्ताह ही निगम प्रशासन ने शहरभर में फोगिंग का शेड्यूल जारी कर दिया था। इसके बावजूद तीन दिन से फोगिंग का काम ठप पड़ा रहा। कारण जानने पर जिम्मेदार अफसर कैमिकल खत्म होने का हवाला दे रहे हैं। अब सवाल यह है, निगम को यूडी टैक्स के अलावा अन्य साधनों से अच्छी-खासी आय होती है। इसके बावजूद कैमिकल खरीदने का पैसा नहीं है। यह निगम अफसरों की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
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61 हजार रुपए लोगों की जिंदगी से बड़े

सूत्रों के अनुसार नगर निगम को एक वार्ड में फोगिंग करने के लिए करीब आधा लीटर कैमिकल की जरूरत होती है। जिसकी कीमत करीब 940 रुपए है। जबकि एक लीटर कैमिकल की कीमत 1880 रुपए है। शहर में 65 वार्ड हैं और जनसंख्या 12 लाख। ऐसे में नगर निगम को 65 वार्डों में फोगिंग के लिए करीब 61,100 रुपए का कैमिकल की आवश्यकता होती है। लेकिन, निगम के लिए यह राशि 12 लाख लोगों की जिंदगी से बढ़कर लगते हैं। तीन दिन से शहरवासी मच्छरों के प्रकोप से जूझ रहे थे और निगम देखता रहा।
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पार्षद करते रहे शिकायत, नहीं हुई फोगिंग

शहर में मच्छरों का प्रकोप बढऩे पर पिछले सप्ताह नगर निगम ने शहर के प्रत्येक वार्ड में फोगिंग करवाने के लिए वार्डवार शेड्यूल जारी कर दिया था, लेकिन फोगिंग के लिए निगम के पास कैमिकल खत्म हो गया था। इस कारण कुछ वार्डों में फोगिंग हुई और तीसरे दिन बंद हो गई। वार्डों में फोगिंग नहीं होने से परेशान लोग निगम और पार्षदों को शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन अभी तक फोगिंग शुरू नहीं हुई है। निगम आयुक्त ने फोगिंग का जिम्मा गैराज अनुभाग को सौंपा था।
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आयुक्त ने दिए निर्देश
निगम आयुक्त नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि निगम की 4 फ ोगिंग मशीनों से प्रतिदिन 4 वार्डों में शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक फ ोगिंग की जाएगी। जिन क्षेत्रों में बड़ी फ ोगिंग मशीन नहीं जा सकती, उन संकरी गलियों व कच्ची बस्तियों में पोर्टबल मशीन से फोगिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि फोगिंग व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक व स्वास्थ्य निरीक्षकों, सहायक अभियंता (गैरिज) सहित सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को व्यवस्था संबंधी आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
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फोगिंग के लिए रोजाना लोगों के फोन आ रहे हैं। जिन क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप अधिक है, वहां फोगिंग करवाने को कहा है।
सुनीता व्यास, उप महापौर

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रोजाना 15 से 20 फोन आ रहे
निगम की हैल्पलाइन पर भी फोगिंग के लिए शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से 15 से 20 फोन रोजाना आ रहे हैं। पार्षद दिलीप पाठक ने कहा कि पिछले तीन-चार दिन से वह उनके वार्ड में फोगिंग करवाने के लिए फोन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक फोगिंग नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि अपने वार्ड में फोगिंग के लिए खुद ने ही मशीन खरीद रखी है, लेकिन कैमिकल नहीं होने से फोगिंग नहीं हो पा रही है। पार्षद पवन अग्रवाल, विवेक राजवंशी, विनोद नायक, महेश गौतम लल्ली, कृष्णमुरारी सामरिया आदि की भी यही शिकायत है।
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