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NEET: एक नोटिफिकेशन ने तोड़े भारत के हजारों विद्यार्थियों के सपने, कई वर्षों की मेहनत हुई बेकार

कोटा. नीट में NIOS और एडिशनल बाॅयलोजी सब्जेक्ट के विद्यार्थियों को शामिल नहीं करने से कोटा में सैकड़ों विद्यार्थी व अभिभावक भी परेशान हैं।

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कोटा

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abhishek jain

Feb 12, 2018

Student

कोटा.

सीबीएसई द्वारा नीट का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद देशभर में हजारों विद्यार्थियों के सपने टूट गए हैं। बरसों की कड़ी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है, विद्यार्थियों में हताशा का भाव पैदा हो गया है। सैकड़ों ऐसे विद्यार्थी कोटा में भी सामने आ गए हैं।

कुछ दिन पूर्व जारी किए गए नीट के नोटिफिकेशन में इस बार नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) तथा अलग-अलग वर्षों में एडिशनल बाॅयलोजी उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं। नोटिफिकेशन में ये निर्देश पढ़ने के साथ ही विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी परेशान हो गए।

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलर पारिजात मिश्रा ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने एक ही वर्ष में एडिशनल बाॅयलोजी लेकर 12वीं की परीक्षा पास की है, उनके लिए दिक्कत नहीं है। अलग-अलग वर्षों में एडिशनल बाॅयलोजी पास करने वाले तथा एनआईओएस बोर्ड के विद्यार्थियों के आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं।

कोटा के एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने बताया कि वे कई वर्षों से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इस वर्ष परीक्षा से दो महीने पहले जारी किए गए नोटिफिकेशन में यह नियम जारी करना सरासर गलत है। यदि इस बारे में पहले पता होता तो हम तैयारी नहीं करते या पिछले वर्षों के स्कोर के आधार पर किसी भी मेडिकल काॅलेज में प्रवेश ले चुके होते। अब क्या करें यह समझ नहीं आ रहा है। उनके साथ उनके माता-पिता भी परेशान हैं।

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कोटा में सैकड़ों विद्यार्थी
कोटा में नोटिफिकेशन के बाद से ही काउंसलर्स के पास ही विद्यार्थी आने लगे हैं। भीड़ दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। कोटा में करीब 50 हजार विद्यार्थी मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इनमें से 20 हजार ऐसे हैं जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से सैकड़ों विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जिन्होंने एनआइ्रओएस या एडिशनल बाॅयलोजी
लेकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की। अब इन विद्यार्थियों पर परीक्षा नहीं देने का संकट आ गया है।

पहले ही बता देते
बाराबंकी के रवि पटेल का कहना है कि वह तीन साल पहले से तैयारी कर रहा है इसी साल कोटा किसान पिता ने अपनी पूंजी लगाकर बेटे को कोटा पढ़ने भेजा लेकिन अब लग रहा है कि पूरा साल खराब हो गया। जिस उद्देश्य से सालभर पढ़ाई की, अब सबकुछ ब्लैंक हो गया। 12वीं में मैथ्स में नम्बर कम आए थे तो बाॅयलोजी ली थी।

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सिर्फ नीट के भरोसे हैं
बिहार के खगरिया से रवि कुमार का कहना है कि एम्स का फार्म भरा है और अब नीट के भरोसे हैं लेकिन नीट के नोटिफिकेशन ने परेशान कर दिया है। ऐसे परीक्षा के एन पहले नियमों में बदलाव लाना गलत है। यह बदलाव कम से कम दो साल पहले घोषित किए जाने चाहिए। अब तो
मेडिकल में सिर्फ नीट ही हो गई है तो किसी दूसरे एग्जाम का आॅप्शन भी नहीं बचता।

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बहुत टेंशन हो रही है
उत्तर प्रदेश के हाथरस से हरेन्द्र सिंह का कहना है कि जब से सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी किया है, तब से बहुत टेंशन हो रही है। सीबीएसई बोर्ड से पीसीएम किया था, इसके बाद एडिशनल बाॅयलोजी लेकर मेडिकल में जाने के लिए तैयारी की थी, अब सपना टूट सा गया, क्या होगा कुछ पता भी नहीं।

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अच्छी रैंक चल रही है
उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आयुष गौड़ का कहना है कि उसने एडिशनल बाॅयलोजी लेकर यूपी बोर्ड से तैयारी की। उसकी कोचिंग में 26 रैंक चल रही है। 600 से अधिक नम्बर आने की संभावना है, सलेक्शन पर पूरा विश्वास है लेकिन अब नोटिफिकेशन के बाद बहुत निराश है। गत वर्ष 478 नम्बर आए थे, यदि पता होता तो प्राइवेट काॅलेज में एडमिशन ले लेता।