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World Sight Day Special: मरने के बाद भी कोई जी सकता है…अगर उसने नेत्रदान किया हो। कोटा संभाग में यह भाव अब सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की सच्चाई बन चुका है। राजस्थान में 25 सालों में 21 हजार से ज्यादा लोगों ने किया नेत्रदान, 16 हजार से अधिक लोगों को मिली रोशनी
पिछले डेढ़ दशक में केवल कोटा संभाग में 1630 लोगों ने नेत्रदान कर 1108 जिंदगियों में रोशनी लौटाई है। यह आंकड़ा सिर्फ चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज की संवेदनशीलता और सेवा भावना का प्रतीक है। कॉर्निया प्रत्यारोपण से जीवन की पटरी पर लौटे लोग अब इस महादान की अलख को गांव-गांव तक पहुंचा रहे हैं।
कोटा सहित हाड़ौती क्षेत्र में दो संस्थाएं कोटा मेडिकल कॉलेज व शाइन इंडिया फाउंडेशन मिलकर कोटा आई बैंक सोसायटी के माध्यम से नेत्रदान संकलन का कार्य कर रही हैं। कई परिवार अपने प्रियजनों के निधन के बाद तुरंत नेत्रदान की अनुमति देकर समाज के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं। नेत्र विशेषज्ञ बताते हैं कि एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो लोगों को दृष्टि मिल सकती है, यानी जो व्यक्ति दुनिया छोड़ जाता है, वह अपनी आंखों से दो जीवन में फिर से उजाला कर देता है।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ. कुलवंत गौड़ बताते हैं कि पहचान दिलाने के लिए पहली बार नेत्रदानी परिवारों के घर के बाहर ‘हमें गर्व है कि हम नेत्रदानी परिवार हैं’, इस तरह की पट्टिकाएं लगाई गई। नेत्रदानी परिवारों को निजी बस के यात्रा किराए में 20 प्रतिशत तक की छूट दिलाई गई।
केस 1: कोटा में सरस्वती कॉलोनी निवासी राशि चारुल को दोनों आंखों में कॉर्निया से संबंधित बीमारी के कारण दिक्कत थी। एक आंख में कॉर्निया प्रत्यारोपण करने से वापस जीवन पटरी पर आ गया है।
केस 2: कोटा के विज्ञान नगर निवासी सुदर्शन अरोड़ा को 2 साल के लंबे इंतजार के बाद कॉर्निया प्राप्त हुआ। 6 महीने पहले ही जब कॉर्निया प्रत्यारोपण हुआ तो अब सब खुशियां लौट आई।
वर्ष 2011 में कोटा शहर में शाइन इंडिया फाउंडेशन ने नेत्रदान की अलख जगाई और संभाग में अब तक 1480 लोगों के नेत्रदान प्राप्त किए।
इसमें से 70 प्रतिशत यानी 1036 कॉर्निया का प्रत्यारोपण दूसरे लोगों को हो चुका है।
कोटा मेडिकल कॉलेज में पिछले पांच सालों में आई क्लिनिक पर 150 नेत्रदान प्राप्त किए। इनमें से 72 कॉर्निया प्रत्यारोपित किए गए।
राजस्थान के नेत्रदान के आंकड़ों की बात करें तो जयपुर आई बैंक सोसायटी के अनुसार, राजस्थान में 25 सालों में अब तक 21000 से ज्यादा लोगों के नेत्रदान लिए जा चुके हैं। उसमें से 16000 से अधिक लोगों को रोशनी मिल चुकी है।
Published on:
09 Oct 2025 03:42 pm
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