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ठग की बातों से चकराए कम्प्यूटर प्रोफेसर, नहीं बचा पाए अपने खाते की रकम, बिहार से कॉल और महाराष्ट्र में निकाले पैसे

locationकोटाPublished: Jun 10, 2019 01:37:21 am

Submitted by:

​Zuber Khan

बिहार के मोबाइल नंबर से खुद को निजी बैंक के कस्टमर केयर का इंचार्ज बताकर ठगों ने कोटा विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के अतिथि प्रवक्ता के खाते से चार बार में करीब दस हजार रुपए पार कर लिए

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कोटा. बिहार के मोबाइल नंबर से खुद को निजी बैंक के कस्टमर केयर का इंचार्ज बताकर ठगों ने कोटा विश्वविद्यालय ( kota university ) के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के अतिथि प्रवक्ता के खाते से चार बार में करीब दस हजार रुपए पार कर लिए। ठगों ( cyber crime ) से बचने के लिए शिक्षक ने खाते में जमा रकम निकाल ली, लेकिन बाकी बचे 588 रुपए भी ठगों ने नहीं छोड़े। चौंकाने वाली बात यह रही कि ऑनलाइन ठगी ( online fraud ) 10 जून की तारीख में हुई, जो अभी तक आई ही नहीं थी।
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कम्प्यूटर साइंस के शिक्षक भी बैंक खातों में ऑनलाइन सेंध लगाने वाले ठगों से अपना खाता नहीं बचा सके। कोटा विवि के अतिथि प्रवक्ता प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि दोपहर में उन्हें बिहार के नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को निजी बैंक के कस्टमर केयर का इंचार्ज बता सर्वर शिफ्ट करने की बात कहते हुए खाता नंबर और नाम कनफर्म किया। कॉल करने वाला ठग आगे की जानकारी मांगने लगा तो उन्होंने फोन काट दिया, लेकिन तब तक उनके मोबाइल पर संबंधित खाते से पांच हजार रुपए पेटीएम के जरिए कटने का मैसेज आ गया।
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अग्रवाल ने बताया कि इसके कुछ देर बाद फिर कॉल आया तो वह समझ गए कि उनके साथ ऑनलाइन ठगी हो गई है। उन्होंने आनन-फानन में अपने खाते से 60 हजार रुपए निकाल लिए। इसके बाद जैसे ही वह बाकी बची रकम जांचने लगे तब तक दोबारा ठगों ने पेटीएम के जरिए दो-दो हजार रुपए निकाल लिए। आनन-फानन में उन्होंने खाते से सारी रकम निकाली, लेकिन 588 रुपए का बैलेंस बाकी बच गया, जिसे ठगों ने चौथी बार में साफ कर दिया।
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अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने थाना भीमगंजमंडी में ऑनलाइन ठगी होने की शिकायत दी है। इस ठगी में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही कि ठगों ने उनके बैंक खाते से नौ जून को 9588 रुपए की रकम निकाली, लेकिन बैंक से आए मैसेज में इस रकम की निकासी एक दिन आगे यानी दस जून की दिखाई जा रही है।
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