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विश्वास परिवार ने आईजी को सौंपे ज्ञापन में कहा कि पुलिस सिर्फ चक्कर कटवा रही है। जिससे वे बुरी तरह परेशान हो चुके हैं और अब जीने इच्छा नहीं है। इसलिए आईजी कार्यालय में कृष्ण भक्ति करते हुए प्राण त्यागना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनका परिवार 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से भारत के कोलकाता के बाद पिछले कई वर्षों से कोटा आकर रह रहे हैं। आरोपियों ने पहले तो जमीन पर कब्जा कर लिया और जब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया तो अब धमकियां देते हैं। वे मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। मुकदमा वापस नहीं लेने पर वे हमें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। आईजी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेकर परिजनों को मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया।
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चितरंजन विश्वास ने बूंदी जिले के डाबी थाने में प्रकाश भील, अमरचंद, तोलाराम भील और जगदीश प्रसाद भील के खिलाफ मार्च 2019 में एक मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसमें कहा था कि प्रकाश भील से विश्वास ने 2001 में 2.40 लाख रुपए में डाबी स्थित 25 बीघा 7 बिस्वा जमीन खरीदी। उस समय प्रकाश ने बाद में जमीन को विश्वास के नाम रजिस्टर्ड करने की बात कही थी, लेकिन जमीन के रेट बढऩे के बाद प्रकाश की नीयत में खोट आ गया और उसने कुछ माह पूर्व जमीन को चुपचाप फिर से बेच दिया।
तीन माह पहले मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले की जांच चल रही है।
संपत सिंह, थानाधिकारी, डाबी