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हत्या के बाद गांव में सनसनी फैल गई। किसी को शक न हो इसके लिए मृतक के भतीजे राजेन्द्र ने स्वयं ही फरियादी बनकर काका की हत्या की रिपोर्ट दी थी। पुलिस उपअधीक्षक भंवरसिंह हाड़ा ने बताया कि मामले में स्पेशल टीम का गठन कर अनुसंधान किया। पुलिस ने हत्या के आरोपी मृतक के भतीजे हंसराज पुत्र गोपाल मोग्या, राजेन्द्र उर्फ राजू पुत्र परमानन्द मोग्या तथा कजोड़ उर्फ बालमुकन्द मोग्या को रूपाहेड़ा गांव से गिरफ्तार किया।
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पुलिस ने भटखेड़ी व रूपाहेड़ा गांव में ग्रामीणों से पूछताछ की। इसमें जानकारी मिली कि 14 वर्ष पहले मृतक सुग्रीमा मोग्या ने बड़े भाई गोपाल की हत्या कर दी थी। वह हत्या व अन्य मामलों में कई बार जेल गया। न्यायालय से जमानत होने पर वह फिर से आपराधिक प्रकरणों में सक्रिय हो जाता था। सुग्रीमा अपने भाई की हत्या की रंजिश के चलते 5-7 साल से कनवास क्षेत्र में रह रहा था, लेकिन 2-3 माह से वह गांव रूपाहेड़ा में आने पर परिवार के सदस्यों के साथ गाली-गलौच कर डरा-धमका कर रौब दिखाने लगा था। इसी बात को लेकर मृतक के भतीजे हंसराज, राजू व कजोड़ सुग्रीमा से रंजिश रखने लगे थे। वहीं हंसराज मोग्या अपने पिता गोपाल की हत्या का भी बदला लेना चाहता था।
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ऐसे दिया वारदात को अंजाम मृतक सुग्रीमा मोग्या 14 मई की शाम को शराब के नशे में पैदल घर आ रहा था। उसे देख हंसराज ने भतीजों का सूचना दी। इस पर उसकी हत्या करने की साजिश रच चारों उसी समय धारदार हथियार लेकर रवाना हो गए। रूपाहेड़ा व भटखेड़ी के बीच पीलिया खाळ के पास सूर्यास्त के समय कम रोशनी व कोई नहीं होने का फायदा उठाकर सुग्रीमा मोग्या के सिर, मुंह, हाथ, कान व गाल पर ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी।
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3 जिलों में 20 से अधिक संगीन मामले दर्ज मृतक सुग्रीमा मोग्या पर झालावाड़, बारां व कोटा जिले के थानों में 20 से अधिक संगीन मामले दर्ज थे। थानाधिकारी कमलचन्द मीणा ने बताया कि उस पर हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, चोरी, मारपीट व अवैध हथियार रखने सहित अन्य संगीन मामले दर्ज थे। वह खानपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर था।