
कोटा .
राजस्थान दिवस शुक्रवार को जिला प्रशासन व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से सूचना केन्द्र सभागार में प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्घाटन एडीएम सिटी बी.एल. मीणा ने किया। प्रदर्शनी में राजस्थान के एकीकरण को चरणबद्ध तरीके से फ ोटो व लेखों के जरिए दर्शाया गया।
राजस्थान में हुए परिवर्तन, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, महापुरुषों का चित्रण भी किया गया। विकास कार्यों का भी प्रदर्शनी में समावेश किया गया। साथ ही, राजस्थान एकीकरण के सातों चरण, राजस्थान किसान आन्दोलन के प्रणेता, राजस्थान के गौरव, राज्य चिन्ह, ऐतिहासिक किले, प्रसिद्ध झीलें, कोटा के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल, प्रगति की ओर बढ़ते कदम आदि दर्शाए गए।
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प्रदर्शनी को युवा, विद्यार्थियों के लिए उपयोगी बताते हुए मीणा ने कहा कि राजस्थान का गठन भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। राजस्थान के एकीकरण के पहले के और बाद के इतिहास, महापुरुषों के योगदान को सचित्र दर्शाने से आमजन को गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की स्थापना के साथ वर्तमान में क्रमबद्ध विकास में सभी नागरिकों का योगदान है।
स्थापना दिवस को गौरवशाली रूप से मनाने की परम्परा अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि सभागार में प्रदर्शनी स्थल पर बालिकाओं द्वारा रंगोली बहुत ही मनभावन एवं खूबसूरत बनाई गई है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उपनिदेशक हरिओम गुर्जर ने अतिथियों का स्वागत किया, प्रदर्शनी की जानकारी दी।
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परिण्डे बांधे
सूचना केन्द्र परिसर में परिण्डे बांधे गए। इसमें सहायक पर्यटन अधिकारी संदीप श्रीवास्तव, पक्षीप्रेमी एएच जैदी, नरेश विजयवर्गीय, यज्ञदत्त हाड़ा, तरूमीतसिंह बेदी, सुभाष सोरल आदि ने सहयोग किया।
संस्कृति की झलक
देर शाम किशोर सागर की पाल पर सांस्कृतिक संध्या हुई। इसमें राजस्थान सहित देश के विभिन्न अंचलों के 85 कलाकारों ने लोक संस्कृति की प्रस्तुति दी। शाम 7 से रात 11 बजे तक सुरीले सुर बिखरते रहे। सांस्कृतिक संध्या में पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के लोक कलाकारों के दल ने देश की बहुरंगी संस्कृति को जीवंत कर दिया। एक मंच पर सांस्कृतिक रंगों को देख दर्शक रोमांचित हो गए।
महाराष्ट्र से आए 12 कलाकारों ने लावणी एवं पोवाड़ा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। गोवा से आए 15 कलाकारों ने समई देखणी लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर लुभाया तो गुजरात से आए कलाकारों ने मेवासी नृत्य की प्रस्तुति दी। राजस्थान के लोक नृत्यों में भपंग वादन में 6 सदस्यीय दल ने भी जादू जगाया। वहीं बृज के प्रसिद्ध मयूर नृत्य ने भी मनमोहा। भवाई नृत्य और कालबेलिया लोकनृत्य ने भी दर्शकों खूब लुभाया।
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अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गायत्री शक्तिपीठ कोटा, युवा शाखा दिया कोटा व नवचेतना केंद्र बसंत विहार द्वारा मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में राजस्थान दिवस के अवसर पर दीप महायज्ञ के साथ राजस्थान को व्यसन मुक्त करने का डीवाइन इंडिया यूथ फाउंडेशन के सदस्यों ने संकल्प दिलवाया। साथ ही नशा : सजा या मजा नाटिका का मंचन भी किया गया। मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा ने व्यसन मुक्त राजस्थान की मुहिम की सराहना की और विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने को आश्वस्त किया।
अध्यक्षता उप महापौर सुनीता व्यास ने की। ट्रस्टी आदित्य विजय व कार्यक्रम संयोजक लव कुमार नागर के अनुसार राजस्थान के मानचित्र को सजाकर दीप प्रज्वलित कर दीपयज्ञ किया गया। कार्यक्रम में पार्षद रेखा जैन, गायत्री जाजपुरा सहित समाजसेवी जीडी पटेल, हेमराज पांचाल आदि उपस्थित रहे। रेखा पटवा दीदी ने युग शिल्पी गीत के माध्यम से सभी को प्रेरित किया। अंत में व्यसन मुक्ति का संकल्प दिलवाया गया।

Published on:
31 Mar 2018 12:47 pm
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