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राजस्थान कांग्रेस के पूर्व मंत्री का निधन, 4 बार रहे विधायक, ऐसा रहा सरपंच से मंत्री तक का सफर

Bharat Singh Passes Away: पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरत सिंह का सोमवार रात जयपुर के एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ होने के कारण उनका उपचार चल रहा था।

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कोटा

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Arvind Rao

Oct 07, 2025

Bharat Singh passes away

Bharat Singh passes away

Bharat Singh passes away: कोटा: पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरत सिंह का सोमवार रात जयपुर के एसएमएस अस्पताल में निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ होने के कारण उनका उपचार चल रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेता अंतिम यात्रा में शामिल हुए।


बता दें कि मंगलवार सुबह 11 बजे उनके पैतृक गांव कुंदनपुर में अंतिम संस्कार किया गया। सुबह 10 बजे भरत सिंह की देह कांग्रेस कार्यालय में लाई गई और वहां पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। चार बार विधायक रहे भरत सिंह अपनी ईमानदार छवि एवं बेबाकी के लिए जाने जाते थे। सत्ता में रहते हुए उन्होंने अपनी ही सरकार का कई बार विरोध भी किया।


साल 2003 से 2013 तक लगातार दस साल दीगोद (सांगोद) विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। साल 2003 में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता ललित किशोर चतुर्वेदी को शिकस्त दी थी। साल 2018 में सांगोद से चुनाव जीतकर चौथी बार विधानसभा में पहुंचे।


ऐसा रहा सरपंच से मंत्री तक का सफर


सांगोद से चार बार विधायक रहे भरत सिंह ने राजनीति में एक मिसाल कायम की। उनका सफर गांव की चौपाल से शुरू होकर मंत्रालयों तक पहुंचा। साल 1977 से 1981 तक कुंदनपुर ग्राम पंचायत के सरपंच रहे भरत सिंह ने स्थानीय स्तर पर अपनी ईमानदारी, सादगी और बेबाक छवि से जनता का विश्वास जीता। धीरे-धीरे वे कांग्रेस संगठन में सक्रिय हुए और सांगोद विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर प्रदेश राजनीति में अपनी पहचान बनाई।


विधानसभा में पहुंचने के बाद उन्होंने राजस्थान सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया। पंचायती राज और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण और पंचायत संस्थाओं को सशक्त करने पर जोर दिया। प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता के लिए वे जाने जाते रहे।


खुलकर सवाल उठाने थे माहिर


भरत सिंह अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मतभेद रखने में भी पीछे नहीं हटते थे। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रियों की कार्यशैली पर कई बार खुलकर सवाल उठाते रहे। राजनीतिक जीवन के अंत में उन्होंने साल 2023 में राज्य वन्यजीव बोर्ड से इस्तीफा देते हुए राजनीति से संन्यास की घोषणा की।


अंतिम पत्र में क्या लिखा था


अपने “अंतिम पत्र” में उन्होंने जनता, समर्थकों और आलोचकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अब वरिष्ठ नेताओं को पीछे हटकर युवाओं को आगे आने का अवसर देना चाहिए। भरत सिंह का जीवन राजनीति में सिद्धांत और निष्ठा का प्रतीक रहा।


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, पूर्व मंत्री श्री भरत सिंह कुंदनपुर के निधन का समाचार मिला। मैं कल ही SMS अस्पताल जाकर उनसे कुशलक्षेम पूछकर आया था। डॉक्टरों ने उनकी तबीयत में सुधार बताया था, परंतु आज ऐसा समाचार मेरे लिए व्यथित करने वाला है। श्री भरत सिंह कुंदनपुर राजनीति एवं जनसेवा में बेबाकी एवं ईमानदारी की मिसाल थे, वो हाड़ौती क्षेत्र के कद्दावर नेता थे।


उन्होंने आगे लिखा, उनके परिवार से संबंध उनके पिताजी के समय से थे, जब मैं उनके साथ लोकसभा सांसद बना था। श्री भरत सिंह कुंदनपुर मेरे साथ मंत्री भी रहे। मैं ईश्वर से श्री भरत सिंह जी की आत्मा को शांति एवं उनके परिजनों को हिम्मत देने की प्रार्थना करता हूं।